हिंदी बाल कविता: अब न करूंगा मैं हंगामा By Lotpot 04 Jul 2024 in Poem New Update अब न करूंगा मैं हंगामा Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 अब न करूंगा मैं हंगामा मोटा ताजा चिंकम बंदर,रहता था जंगल के अंदर। तोड़-तोड़ कर केले खाता,इधर-उधर छिलके फैलाता। एक रोज जब बारिश आई,उसने एक छलांग लगाई। पैर पड़ा छिलके के ऊपर,संभल न पाया, गिरा फिसल कर। टूटा हाथ, नाक भी फूटी,और पैर की हड्डी टूटी। भालू ने आ उसे उठाया,बांध-पट्टियां उसे लिटाया। तब वह बोला भालू मामा,अब न करूंगा मैं हंगामा। यह भी पढ़ें:- हिंदी बाल कविता: चिड़िया आती हिंदी बाल कविता: काशी की शाम हिंदी मनोरंजक कविता: मीठे केले Bal Kavita: बादल भैया #लोटपोट #Lotpot #बच्चों की कविता #बाल कविता #bal kavita #hindi kavita #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कविता #Hindi Bal Kavita #kids hindi poem #लोटपोट ई-कॉमिक्स #मनोरंजक बाल कविता #बच्चों की बाल कविता #bal kavita in hindi #bachon ki hindi kavita #bachon ki bal kavita #छोटी बाल कविता #majedar hindi kavita #bachon ki hindi poem #kids hindi bal kavita #manoranjak hindi kavita #मजेदार बाल कविता #Hindi poem on monkey #choti hindi kavita #बन्दर पर कविता You May Also like Read the Next Article