हिंदी बाल कविता: काशी की शाम

By Lotpot
New Update
cartoon image of evening in kaashi

काशी की शाम

Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

काशी की शाम

काशी की गंगा में संध्या की लहरें,
संतों की माला, मंत्रों की ध्वनि।

घाटों पर दीपों की श्रृंखला सजती,
आसमान में दीपों की परछाईं झलकती।

संध्या की आरती में भक्ति का सागर,
घंटियों की ध्वनि में गूंजता प्रेम का गागर।

घाटों पर साधु, योगी, भक्तों का मेला,
गंगा के तट पर सजती यह अनोखी वेला।

मंत्रों में, जल में, आकाश के रंगों में,
सुना है बस्ता है ब्रह्म यहाँ हर कण में।

बनारस की गलियों में अद्भुत यह माया,
जहाँ हर मोड़ पर जीवन का नया अध्याय समाया।

यहाँ के मंदिरों में बसी है प्राचीन कथा,
हर एक दीपक में जगमगाती आस्था।

गंगा की आरती में बहता है श्रद्धा का स्त्रोत,
काशी के घाटों में सजीव होता है देवों का ज्योत।

शाम होते ही गंगा की लहरें गातीं,
काशी के अद्भुत रूप की झलक दिखलातीं।

काशी की इस माया को शब्दों में कैसे बाँधें,
हर कदम पर बनारस की धारा का अनुभव करें।

lotpot | lotpot E-Comics | kids hindi bal kavita | bachon ki bal kavita | bal kavita in hindi | majedar hindi bal kavita | majedar bal kavita | Bal Kavitayen | hindi bal kavitayen | Hindi Bal Kavita | bal kavita | bachon ki hindi kavita | bachon ki hindi kavitayen | bachon ki kavitayen | kids hindi kavitayen | hindi kavitayen | Poem on Varanasi in hindi | Kashi ki shaam poem | Kashi ki shaam poem in hindi | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बच्चों की बाल कविताएं | छोटी बाल कविता | बच्चों की बाल कविता | मनोरंजक बाल कविता | बाल कविताएं | हिंदी बाल कविताएं | बाल कविता | मनोरंजक हिंदी कविता | शिक्षा देती हिंदी कविता | मजेदार हिंदी कविता | छोटी हिंदी कविताएं | बच्चों की हिंदी कविताएं | हिंदी कविताएं | हिंदी बाल कविता | काशी की शाम कविता | काशी की शाम पर कविता | कविता काशी की शाम

यह भी पढ़ें:-

हिंदी बाल कविता: बिल्ली मौसी

हिंदी बाल कविता: बंटी जी स्कूल चले

Poem: मेरी नानी

Bal Kavita: चतुर मामा