Poem: बन्दर भाई By Lotpot 13 Apr 2024 in Poem New Update बन्दर भाई Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 बन्दर भाई बन्दर भाई बन्दर भाई,आपस में अब बन्द लड़ाई। रोज बंदरिया से लड़ते हो,और मदारी से डरते हो। खों खों करके दांत दिखाते,हम बच्चों को सदा डराते। कभी इधर से कभी उधर से,छीन झपट कर रोटी खाते। बन्द करो यह गड़बड़ काम,अब सोचो आराम हराम। बस्ता लेकर पढ़ने जाओ,पढ़ लिख कर कुछ नाम कमाओ। lotpot | lotpot E-Comics | Bal Kavitayen | hindi bal kavitayen | Hindi Bal Kavita | manoranjak bal kavita | bal kavita | hindi kavitayen | kids hindi poems | kids poems | kids hindi rhymes | Hindi Rhymes for kids | hindi rhymes | लोटपोट | लोटपोट ई-कॉमिक्स | बाल कविता | हिंदी बाल कवितायें | बाल कवितायें | हिंदी बाल कविता | हिंदी कवितायें | बच्चों की कविता यह भी पढ़ें:- Bal Kavita: जाड़े की धूप Bal Kavita: प्रेम रंग होली Bal Kavita: सुन्दर तारे Bal Kavita: चूहों की शैतानी #लोटपोट #Lotpot #बच्चों की कविता #बाल कविता #bal kavita #manoranjak bal kavita #lotpot E-Comics #हिंदी बाल कविता #Hindi Bal Kavita #hindi rhymes #Hindi Rhymes for kids #kids hindi rhymes #kids hindi poems #Bal Kavitayen #लोटपोट ई-कॉमिक्स #hindi bal kavitayen #hindi kavitayen #हिंदी कवितायें #बाल कवितायें #हिंदी बाल कवितायें #kids poems You May Also like Read the Next Article