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School Bus Poem- दस नंबर की प्यारी स्कूल बस

School Bus Poem बच्चों की रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी एक प्यारी और सरल कविता है। हर बच्चे के लिए स्कूल बस सिर्फ एक वाहन नहीं होती, बल्कि उनकी सुबह की शुरुआत, दोस्तों से मिलने का उत्साह

By Lotpot
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School Bus Poem बच्चों की रोजमर्रा की जिंदगी से जुड़ी एक प्यारी और सरल कविता है। हर बच्चे के लिए स्कूल बस सिर्फ एक वाहन नहीं होती, बल्कि उनकी सुबह की शुरुआत, दोस्तों से मिलने का उत्साह, और स्कूल पहुँचने की एक मजेदार यात्रा का हिस्सा होती है। यह कविता उसी भावनात्मक जुड़ाव को हल्के-फुल्के और मनमोहक शब्दों में व्यक्त करती है।

छोटी-सी यह कविता बच्चों को स्कूल बस के महत्व से परिचित कराती है—क्योंकि बस हर रोज समय पर आती है, बच्चों को सुरक्षित घर से स्कूल ले जाती है और फिर वापस घर छोड़ती है। कविता में नंबर दस बस का जिक्र इसे और भी रोचक बनाता है, जैसे यह कोई खास दोस्त हो जिसे बच्चे पहचानते हैं और जिसका इंतजार करते हैं। बस की “पौं-पौं” की आवाज़ बच्चों के मन में उत्साह जगाती है और पूरे सीन को जीवंत बना देती है।

यह कविता बच्चों में अनुशासन, समय की पाबंदी और स्कूल की दिनचर्या के प्रति लगाव भी विकसित करती है। हल्की-फुल्की तुकबंदी इसे कक्षा 1–3 के बच्चों के लिए बहुत आसान और याद रखने योग्य बनाती है।
स्कूल की शुरुआती कक्षाओं में यह कविता बच्चों को पढ़ाने, सुनाने और स्मृति-विकास के लिए बेहतरीन है।

स्कूल बस  

जिस पर लिखा है नंबर दस,  
देखो आ गई हमारी बस।  

सुबह-सवेरे यह है आए,  
पौं–पौं, पौं–पौं शोर मचाए।  

घर से स्कूल ले जाती है,  
स्कूल से घर तक लाती है।  

बच्चों को बहुत ही प्यारी,  
दस नंबर की बस हमारी।

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