"सब्ज़ीवाला आया है" एक रंग-बिरंगी और मस्तीभरी कविता है जो बच्चों को सब्ज़ियों से परिचित कराती है। यह कविता न सिर्फ अलग-अलग सब्ज़ियों के नाम और उनके रंगों को मजेदार तरीके से बताती है, बल्कि बच्चों में स्वस्थ खाने की आदतें भी डालती है। आलू, गोभी, गाजर, चुकंदर, मूली और पालक जैसी सब्ज़ियाँ रोज़मर्रा की ज़िंदगी का हिस्सा हैं, लेकिन जब ये कविता के रूप में बच्चों के सामने आती हैं, तो ये उन्हें हँसी-खुशी से सीखने के लिए प्रेरित करती हैं।
इस कविता के ज़रिए बच्चे जान पाएँगे कि नींबू कितना रसीला होता है, मूली चाँदी जैसी चमकती है और पालक खाने से हमें कितनी ताकत मिलती है। कविता के आख़िरी में एक सुंदर संदेश भी है — "सब्ज़ी रोज़ बनाकर खाएँ, बीमारी को दूर भगाएँ!"
यह कविता पढ़ने, सुनने और स्कूल या घर पर सुनाने के लिए एकदम परफेक्ट है। बच्चों को रंगों, स्वादों और सेहत के इस संगम से भरपूर आनंद जरूर आएगा।
सब्ज़ीवाला आया है!
सब्ज़ीवाला आया है,
आलू, गोभी लाया है।
गाजर और चुकंदर हैं,
इक डलिया के अंदर हैं।
नींबू पीला-पीला है,
खट्टा और रसीला है।
मूली चाँदी जैसी है,
बिलकुल उजली-उजली है।
शलगम, पालक और गाजर,
खुश होते हैं हम खाकर।
सब्ज़ी रोज़ बनाकर खाएँ,
बीमारी को दूर भगाएँ।