यह कविता "शेर की बारात" के बारे में एक सुंदर और रोचक वर्णन प्रस्तुत करती है, जो बच्चों के मनोरंजन के लिए खासतौर पर लिखी गई है। इसमें जंगल के राजा, शेर, की बारात का वर्णन किया गया है, जो पूरी तरह से धूमधाम और मस्ती से भरपूर है। शेर अपनी बारात में हाथी की सवारी कर रहा है, जबकि पीछे घोड़ा-गाड़ी भी सजाई गई है। बारात का मुख्य आकर्षण जानवरों की भागीदारी है – भालू ढोल बजा रहा है, गधा तान सुना रहा है, और बंदर अपनी नाच-गाने की कला से सबको मंत्रमुग्ध कर रहा है। बारात में हर जानवर खुशी और उल्लास के साथ झूम रहा है। कविता के हर पंक्ति में मस्ती, खुशी, और सहयोग का संदेश छुपा है, जहां जानवर अपने-अपने तरीके से शेर की बारात को यादगार बना रहे हैं। यह कविता बच्चों को दोस्ती, मिलजुलकर खुशियां मनाने, और सामूहिक प्रयास की भावना को सिखाती है। इसके साथ ही, कविता की सरल भाषा, तुकबंदी और रंगीन कल्पनाशीलता बच्चों को पढ़ने और सुनने में आनंदित करती है। यह न केवल एक मनोरंजक कविता है, बल्कि बच्चों को सामूहिकता और खुशी का महत्व भी सिखाती है। कविता: शेर की बारात में,धूम मचायेगी रात में।हाथी की सवारी होगी,पीछे घोड़ा-गाड़ी होगी। भालू ढोल बजाएगा,गधा तान सुनाएगा।बंदर नाच दिखाएगा,दूल्हा-दुल्हन साथ में। झूमेंगे हम रात में,शेर की बारात में,धूम मचायेगी रात में। और पढ़ें : आम की टोकरी - हिंदी कहानी सर्दी पर बाल कविता - "जाड़ा" प्रेम-प्रीत हो सबकी भाषा बाल कविता : जनवरी की सर्दी