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वीर सिपाही: देशभक्ति से भरी बच्चों की प्रेरक कविता

वीर सिपाही एक प्रेरक बाल कविता है, जो बच्चों में देशभक्ति, साहस और मातृभूमि के प्रति सम्मान की भावना जगाती है। यह कविता एक मासूम बच्चे की सोच को दर्शाती है

By Lotpot
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देशभक्ति की भावना बचपन से ही मन में बो दी जाए, तो वही बच्चे आगे चलकर जिम्मेदार नागरिक और सच्चे देशप्रेमी बनते हैं। वीर सिपाही कविता बच्चों के मन में यही भावना जगाने का एक सुंदर प्रयास है। यह कविता एक मासूम बच्चे की सोच को दर्शाती है, जो अपने देश के लिए कुछ करना चाहता है, अपनी माँ के दुःख कम करना चाहता है और भारत की रक्षा के लिए स्वयं को तैयार देखना चाहता है।

बाल कविताएँ केवल मनोरंजन का माध्यम नहीं होतीं, बल्कि वे बच्चों को संस्कार, साहस और कर्तव्य का पाठ भी पढ़ाती हैं। इस कविता में बच्चे की सरल भाषा, उसकी कल्पना और उसका जोश साफ झलकता है। वह छोटे हाथों से भी बड़े सपने देखने की हिम्मत रखता है। यह कविता बच्चों को यह सिखाती है कि देश की सेवा केवल हथियार उठाने से नहीं, बल्कि देश के प्रति सम्मान, जिम्मेदारी और निस्वार्थ भाव से होती है।

वीर सिपाही कविता स्कूल कार्यक्रमों, देशभक्ति दिवस, स्वतंत्रता दिवस, गणतंत्र दिवस और बाल साहित्य के लिए अत्यंत उपयुक्त है। SEO के दृष्टिकोण से यह कविता देशभक्ति कविता, बच्चों की कविता, वीर सिपाही कविता, और बाल कविता हिंदी जैसे कीवर्ड्स के साथ आसानी से खोजी जा सकती है।

यह कविता बच्चों के मन में आत्मविश्वास, साहस और मातृभूमि के प्रति प्रेम की भावना को मजबूती से स्थापित करती है।

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कविता: वीर सिपाही

माँ मुझे बंदूक मँगा दो,
मैं भी लड़ने जाऊँगा।

इन छोटे-छोटे हाथों से,
दुश्मन को मार भगाऊँगा।

भारत का वीर सिपाही बन,
मैं माँ के कष्ट मिटाऊँगा।

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