Travel : आओ करें लक्षद्वीप की यात्रा | लक्षद्वीप का संस्कृत में मतलब हजारों द्वीप है और यह भारत के दक्षिण-पश्चिम में हिंद महासागर में स्थित एक भारतीय द्वीप-समूह है। इसकी राजधानी कवरत्ती है। लक्षद्वीप द्वीप-समूह में कुल 36 द्वीप है, जो पूरे विश्व में अपनी खूबसूरती के लिए जाने जाते है।
(Champat Sampat Comics) चम्पत और सम्पत और गाड़ी की चोरी: चम्पत और सम्पत अपने इलाके के मशहूर चोर है, लेकिन थोड़े कच्चे चोर है ये चोरी तो करते हैं लेकिन अपनी गलती की वजह से ये खुद थाने के चक्कर काटते रहते हैं
Inspiring Biography of Ratan Tata : रतन टाटा, नवल टाटा के पुत्र है। जिन्हें नवाजबाई टाटा ने अपने पति की मृत्यु के बाद दत्तक ले लिया था। रतन टाटा के माता-पिता नवल और सोनू 1940 के मध्य में अलग हुए। अलग होते समय रतन 10 साल के और उनके छोटे भाई सिर्फ 7 साल के ही थे। उन्हें और उनके छोटे भाई, दोनों को उनकी बड़ी माँ नवाजबाई टाटा ने बड़ा किया था। कैंपियन स्कूल, मुम्बई से ही रतन टाटा ने स्कूल जाना शुरू किया और कैथेड्रल में ही अपनी माध्यमिक शिक्षा प्राप्त की और जाॅन केनौन स्कूल में दाखिल हुए। वही वास्तुकला में उन्होंने अपनी USA की शिक्षा पूरी की।
नटखट नीटू और बर्फ (Natkhat Neetu Comics) : बच्चों हमारे चहेते के घर कुछ मेहमान आये हुए होते हैं, और नटखट नीटू का फ्रीज़ भी खराब पड़ा होता है, ऐसे वो अपने दोस्त टीटा को बर्फ लाने के लिए कहता है, रास्ते में रोबो भी उसके साथ होता है, रोबो उससे पूछता है कि ये बर्फ कैसे जमती है, .
मोटू पतलू और अमीरों वाली सर्दी (Motu Patlu Comics): बच्चों सर्दियाँ अब पुरे भारत में अपने पैर जमा चुकी है वहीँ मोटू पतलू की नगरिया में भी ठण्ड का प्रकोप है वही, मोटू, पतलू और डॉ झटका, घसीटाराम आपस में सर्दियों के बारे में बात करते हैं, बातों में बातों में, बात अमीरों की सर्दियों पर हो जाती है, तब मोटू और पतलू भी जोश में कह उठते हैं, हम भी अमीरों की सर्दी एन्जॉय करेंगे, इसके चक्कर में वो लोग बाज़ार में पुराना ac खरीद कर ले आते हैं….
बच्चों, इस चित्र में आपको थोडा दिमाग लगाना पड़ेगा चित्रकार ने आपको उलझाने के लिए बहुत सारी अलग अलग चीज़ें बनाई हुई है, जबकि एक नज़र में दोनों चित्र देखने में एक जैसे लगेंगे, लेकिन नीचे वाले चित्र में 7 गलतियाँ हमने छोड़ दी है, बस वही आपको खोज निकालनी है .
मज़ेदार कहानी:सपने में देखा खजाना – मुगल सिपहसालार शायस्त खाँ बड़ा बुद्धिमान था। उसे विज्ञान और कला से बड़ा प्रेम था। फुर्सत के क्षणों में वह कला और विज्ञान पर नई नई खोजें किया करता था।
बाल कहानी : (Hindi Kids Story) सुबह का भूला- सोनू आठवीं कक्षा में पढ़ता था। पढ़ाई लिखाई और खेलकूद दोनों में ही वह काफ़ी अच्छा था। देखने भालने में भी बुरा नहीं था। परन्तु उसकी एक आदत बड़ी खराब थी।
प्रायः सोनू अपने साथियों से झूठ बोलता रहता। उन्हें किसी न किसी बहाने परेशान करने और मूर्ख बनाने में उसे बड़ा आनन्द मिलता था।
ऐसा करते समय वह कभी नहीं सोचता कि उसके साथी इस बात से कितने दुखी होतेे थे।
एक बार सोनू ने अपनी माँ से लालन्दा नाम की एक परी की कहानी सुनी। मां ने बताया था कि लालन्दा परी कठिनाई में फँसे बच्चों की बहुत सहायता करती थी। तभी सोनू के दिमाग में एक नई शरारत सूझी।
प्रेरणादायक बाल कहानी : सेवा का व्रत
अगले दिन सोनू ने अपने मित्र विकास से कहा कि लालन्दा परी बच्चों के पैसे दोगुनेे कर देती है।
वह कैसे?
विकास के पूछने पर सोनू ने बताया, कल रात को लालन्दा परी मेरे सपने में आई थी। उसने कहा कि गांव के कुएं के पास वाले पीपल की जड़ में हम जितने पैसे गाडेंगे, अगले दिन वहीं खोदने पर हमें दोगुने पैसे मिलेंगे।
शाम होने पर सोनू चुपचाप कुएं की ओर चल पड़ा। तभी आकाश में बादल छा गए। इससे चारों ओर बहुत गहरा अंधेरा हो गया।
सोनू कुएँ के पास पहुंचकर पीपल के नीचे खोदने लगा। तभी उसके कानों में मधुर संगीत के स्वर सुनाई दिए। सोनू को लगा कि पीपल के ऊपर प्रकाश सा फैल गया। उसने गर्दन उठाकर ऊपर देखा तो स्तब्ध रह गया।
लालच का नतीजा
पीपल की एक मोटी सी डाल पर एक सुन्दर परी बैठी मुस्करा रही थी। उसके चांदी जैसे सफेद कपड़ों से जैसे रोशनी की किरणें फूट पड़ी थीं। उसके सुन्दर पंखों को देखकर तो सोनू मुग्ध होने लगा।
ऐसे क्या देख रहे हो?
सोनू?
तुम कौन हो?
अरे मुझे नहीं पहचानते?
तुमने ही तो कहा था कि लालन्दा परी गाड़े गए पैसों को दोगुना कर देगी। इसलिए तो मैं यहाँ आई हूँ।
तो तुम लालन्दा परी हो?
हाँ, लेकिन यहाँ आने के लिए पूरे आकाश में उड़ना पड़ा। इतनी देर तक मैं एक साथ कभी नहीं उड़ी। मैं बहुत थक गई हूँ।
तो तुमने इतनी तकलीफ क्यों उठाई?
सोनू ने उत्सुकता के साथ पूछा तो लालन्दा परी कहने लगी। केवल अपने आप को सच्चा रखने के लिए।
क्या मतलब?
मतलब यह कि तुमने मेरा नाम लेकर विकास से झूठ कहा। अगर मैं यहाँ आकर उसके पैसे दुगुने नहीं करती तो वह मुझे झूठी और धोखेबाज़ कहता। इसमें मेरी कितनी बदनामी होती?
लालन्दा परी की बात सुनकर सोनू सोच में पड़ गया।
क्या सोचने लगे सोनू?
मैं सोच रहा था कि अपने आपको झूठा होने से बचाने के लिए आपने कितनी पेरशानी उठाई है। पर क्या मजाक में बोले झूठ से भी बदनामी होती है?
झूठ तो झूठ ही होता है चाहे वह हँसी ही क्यों ना हों।
झूठ बोलने वाले का मान नहीं रहता।भविष्य में कोई उसका विश्वास नहीं करता और कठिनाई आने पर कोई उसका साथ नहीं देता।
लालन्दा परी की बात सुनकर सोनू दुखी हो उठा। उसे अपनी भूल का आभास हो गया और वह मन ही मन पश्चाताप भी करने लगा। उसकी यह दशा देखकर लालन्दा परी उसे समझाने लगी।
सुबह का भूला यदि शाम को घर लौट आए तो वह भूला नहीं कहलाता। तुम वचन दो कि आगे से कभी झूठ बोलकर किसी को परेशान नहीं करोगेे। और हाँ विकास को भी सब सच सच बता दोगेे।
मैं वचन देता हूँ।
अगले दिन सोनू विकास के पास स्कूल जाने से पहले गया। उसे अपने झूठ और लालन्दा परी वाली सारी बात सच सच बता दी।
प्यारे बच्चों, ये चिड़िया अपने घर का रास्ता भूल गई है, बस आपको इस चिड़िया को अपने घर तक पहुँचाने में इसकी मदद करनी होगी. लेकिन पहले आपको इस इमेज को डाउनलोड करना है और प्रिंट निकालना है, तभी आप इस भूल भुलैया हल कर पाएंगे.
Colour the Picture | रंग भरो -20: प्यारे बच्चों, फिर हम आपके लिए लायें हैं एक मज़ेदार चित्र जिसे रंग भरने में आपको मज़ा आ जायेगा.
इसमें माँ लक्ष्मी जी का सुन्दर चित्र है, जिसको भरने के लिए आपको एक तरफ नमूना चित्र भी दिया हुआ है.