मोहल्ले के सारे बच्चे ताई को बेहद चाहते थे। पढाई-लिखाई के बाद सारा समय ताई के साथ बिताते थे। ताई भी बिल्कुल अकेली थी। सफेद बाल धुनी हुई रूई जैसे चेहरे पर ढेरों झुर्रियों की लकीरें जैसे भूगोल के नक्शे में नदियाँ बह रही हो। मुँह में एक भी दाँत नहीं बड़ी भोली भाली सी पोपली हँसी थी ताई की। इतनी उम्र हो जाने पर भी ताई जसवन्ते बड़ी मेहनती थी।
जंगल के सभी पशु-पक्षियों के दिन आराम से बीत रहे थे। राजा शेर के प्रशासन में किसी को कोई कष्ट न था। अचानक एक दिन एक आदमी जंगल मे आ गया। यह पता लगते ही सारे पशु-पक्षी सकते में आ गए क्योंकि उन्होंने सुन रखा था कि आदमी बहुत खतरनाक जाति होती है। आदमी के आने की खबर आग की तरह तुरन्त पूरे जंगल में फैल गई।
रोमिका जंगल का शासक ‘राॅकी शेर’ प्रति वर्ष नये साल पर खूब खुशियाँ मनाया करता। नये साल की नूतन बेला में वह जंगल के समस्त प्राणियों को दावत देता और विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ भी आयोजित करवाता। इससे जंगल के सभी प्राणी बड़े खुश रहते। और उन्हें नये साल के आगमन का हर साल बेसब्री से इंतजार रहता। एक साल-नूतन वर्ष के दिन संत मीन्टू भालू पधारे। उन्होंने अपना पड़ाव जंगल की सीमा पर ही जमाया। उनकी प्रसिद्धि की शौहरत सुनकर खुद ‘राॅकी शेर’ उनके दर्शनार्थ पहुँचा और बोला। आज नूतन वर्ष का शुभ दिन है।