हिंदी बाल कविता : मैं हूँ वृक्ष- जीवन की पुकार
इस कविता में एक वृक्ष की भावुक पुकार को दर्शाया गया है। वृक्ष हमसे विनती करता है कि उसे न काटें, क्योंकि वह न केवल पक्षियों के लिए घर और भोजन का स्रोत है, बल्कि हमें शुद्ध हवा, छाया और प्रदूषण से राहत भी देता है।