जंगल की कहानी : हंस चला जंगल के स्कूल
जंगल के पास एक बड़ा सा तालाब था, जिसमें रहता था हंसराज। हंसराज एक मोटा-तगड़ा, आलसी और बेहद मस्तीखोर हंस था। वह दिनभर पानी में तैरता, मछलियां खाता और अपनी टोली के साथ गप्पें मारता।
जंगल के पास एक बड़ा सा तालाब था, जिसमें रहता था हंसराज। हंसराज एक मोटा-तगड़ा, आलसी और बेहद मस्तीखोर हंस था। वह दिनभर पानी में तैरता, मछलियां खाता और अपनी टोली के साथ गप्पें मारता।
सीख देती कहानी : सबसे कीमती माॅडल- इस बार का स्कूल का वार्षिक समारोह बहुत अलग था। मोटर गाड़ी बनाने वाली एक बहुत बड़ी कम्पनी के चेयरमैन इस बार मुख्य अतिथि थे।
पिंकी एक नटखट और शरारती लड़की थी। उसे नई-नई शरारतें करने में बड़ा मजा आता था। स्कूल हो या घर, वह हमेशा कुछ न कुछ ऐसी हरकत करती रहती थी जिससे सबकी हंसी छूट जाए।
जंगल के बीचो-बीच एक बड़ा राजा शेर रहता था, जिसका नाम था सिंघम। सिंघम शेर बहुत समझदार और ताकतवर था, लेकिन वह अब बूढ़ा हो चुका था। उसने सोचा कि अब समय आ गया है कि वह किसी नए और योग्य जानवर को जंगल का राजा चुने।
एक बार की बात है, जंगल के एक हिस्से में भूखा भालू टहल रहा था। उसका पेट भूख से मरोड़ खा रहा था और उसे कुछ खाने की तलाश थी। तभी उसने दूर से एक लोमड़ी को देखा, जो बड़े मजे से मांस खा रही थी।
एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक बुद्धिमान कबूतर रहता था, जिसका नाम था मीशू। मीशू के पास एक खूबसूरत पेड़ था, जिसमें वह अपने परिवार के साथ रहता था।
जंगल के किनारे ऊंचे पेड़ पर कौआ अपना घोंसला बना रहा था। बनाते बनाते कौए को यह लगा कि अभी कुछ कमी है। उसने घोंसले के बीच में कुछ सूखी घास रख दी और खाली स्थानो को भी भर दिया।