बाल कहानी: गेम्स और असलियत
धीरज का पूरा समय उसके गैजेट्स में ही बीतता था। वह चाहे घर पर हो, स्कूल में हो या दोस्तों के साथ हो, उसका ध्यान हमेशा उसके फोन, टैबलेट या लैपटॉप पर ही रहता था।
धीरज का पूरा समय उसके गैजेट्स में ही बीतता था। वह चाहे घर पर हो, स्कूल में हो या दोस्तों के साथ हो, उसका ध्यान हमेशा उसके फोन, टैबलेट या लैपटॉप पर ही रहता था।
Web Stories: गर्मियों की दोपहर थी। एक हरा-भरा गांव, जहां खुली हवा, हरे-भरे खेत और तालाब के किनारे खेलते बच्चे खुशियों से भरे रहते थे। उसी गांव में मधु नाम का एक चंचल
बड़ी-बड़ी इमारतों से भरे शहर के एक अपार्टमेंट में रहने वाली 8 साल की परी बहुत जिज्ञासु और समझदार थी। उसकी माँ रिद्धिमा एक वर्किंग वुमन थीं, जो एक बड़ी कंपनी में मैनेजर थीं। परी हमेशा अपनी माँ को ऑफिस के कामों में व्यस्त देखती थी
Web Stories एक गाँव में एक नवयुवक, जो अभी-अभी विद्यालय की शिक्षा पूरी कर लौटा था, अपने ज्ञान का बड़ा अभिमान करने लगा। वह (importance of humility in life) को नहीं समझता
एक गाँव में एक नवयुवक, जो अभी-अभी विद्यालय की शिक्षा पूरी कर लौटा था, अपने ज्ञान का बड़ा अभिमान करने लगा। वह (importance of humility in life) को नहीं समझता था और दूसरों से अभिवादन तक नहीं करता था।
चार गुड़ियों की सीख: एक दिन, एक ज्ञानी संत ने राजकुमार को चार छोटी गुड़ियों का सेट तोहफे के रूप में दिया। राजकुमार यह देखकर हैरान हो गया और बोला, "क्या मैं लड़की हूँ, जो आप मुझे गुड़ियाँ दे रहे हैं?"
राहुल 12 साल का एक होशियार लड़का था, जो एक बड़े शहर में रहता था। वह मोबाइल, वीडियो गेम और इंटरनेट की दुनिया में खोया रहता था। उसके पापा, अमित शर्मा, एक सफल बिज़नेसमैन थे।