दया का फल: एक अनोखी जंगल कहानी जो दिल छू लेगी
Web Stories एक घने जंगल में, जहां पेड़ों की छतरियां आसमान को छूती थीं और नदियां मधुर संगीत बजाती थीं, एक छोटा सा खरगोश रहता था। उसका नाम था मुन्ना। मुन्ना
Web Stories एक घने जंगल में, जहां पेड़ों की छतरियां आसमान को छूती थीं और नदियां मधुर संगीत बजाती थीं, एक छोटा सा खरगोश रहता था। उसका नाम था मुन्ना। मुन्ना
एक घने जंगल में, जहां पेड़ों की छतरियां आसमान को छूती थीं और नदियां मधुर संगीत बजाती थीं, एक छोटा सा खरगोश रहता था। उसका नाम था मुन्ना। मुन्ना बहुत ही चंचल और मिलनसार था
एक घने जंगल में सभी जानवर मिलजुल कर रहते थे। एक दिन, जंगल के राजा शेर सिंह ने घोषणा की कि अगले पूर्णिमा की रात को एक भव्य उत्सव का आयोजन होगा, जिसमें सभी जानवर अपनी-अपनी पसंदीदा वस्तुएं लाकर साझा करेंगे।
एक गहरे कुएं में गंगाधर नाम का एक मेंढ़क अपने परिवार के साथ रहता था। उसके परिवार में कुल 12 सदस्य थे, और वह परिवार का मुखिया था। गंगाधर का जीवन संघर्षों से भरा था
एक घने जंगल में सभी जानवर खुशी-खुशी रहते थे। वहां शेर, हाथी, हिरण, बंदर, और खरगोश जैसे अनेक जानवर थे। जंगल में हर साल एक बड़ा खेल प्रतियोगिता होती थी, जिसमें सभी जानवर भाग लेते थे।
पतझड़ का मौसम अपने अंतिम चरण में था। जंगल के हर कोने में हलचल थी। सभी जानवर और कीड़े-मकोड़े सर्दियों के लिए अपने भोजन का भंडारण कर रहे थे। पक्षी पत्तियों से गिरे बीज उठा रहे थे,
एक घने जंगल में, दो उल्लू एक पुराने पेड़ की मोटी डाल पर आ बैठे। दोनों उल्लू अपने-अपने शिकार को पकड़े हुए थे। पहले उल्लू के मुँह में एक फुफकारता हुआ साँप था, जो उसके सुबह के नाश्ते के लिए लाया गया था।