अच्छी कहानी : बाबू और बिक्रम
मिथिला नाम का एक देश था। उस देश में एक बहुत बड़ा जंगल हुआ करता था। उसी जंगल में एक शेर था जो उन लोगों को खा जाता था जो उस जंगल में प्रवेश करते थे।
मिथिला नाम का एक देश था। उस देश में एक बहुत बड़ा जंगल हुआ करता था। उसी जंगल में एक शेर था जो उन लोगों को खा जाता था जो उस जंगल में प्रवेश करते थे।
शहर के बीचों-बीच स्थित एक छोटे से मोहल्ले में निखिल नाम का एक लड़का रहता था। उसकी आँखों में बड़े सपने थे—आसमान में ऊँचाई तक उड़ने के। लेकिन मोहल्ले के बच्चे अक्सर उसका मजाक उड़ाते।
एक बार कबूतरों का एक झुंड भोजन की तलाश में उड़ान भरता है। कई दिनों की खोज के बाद उन्होंने एक बरगद के पेड़ के नीचे चावल के दाने बिखरे देखे। बिना समय गंवाए, सभी कबूतर खाने में जुट गए।
बहुत समय पहले तिब्बत के घने जंगल में दो उल्लू एक पुराने पेड़ पर रहते थे। ये दोनों अच्छे दोस्त थे और अक्सर जीवन की गहराइयों पर चर्चा करते थे। एक दिन सुबह का समय था, जब दोनों उल्लू अपने-अपने शिकार के साथ उस पेड़ पर आए।
गाँव के एक छोटे से कोने में रहने वाला किशोर अर्जुन, हमेशा से बड़े सपने देखने वाला था। वह एक गरीब किसान का बेटा था, जिसके पास सीमित संसाधन थे। खेतों में काम करना और अपने पिता के साथ दिन-रात मेहनत करना उसकी दिनचर्या थी।
किसी गांव में डिसिल्वा, फ्रांसिस, लोबो और जॉन नाम के चार दोस्त रहा करते थे। ये चारों एक ही कक्षा में पढ़ते थे और साथ-साथ गांव के पास के स्कूल में जाते थे।
धनपुर नामक एक छोटे से गांव में लोग दयालु थे, भले ही उनके पास बहुत कुछ नहीं था। वहां अरुण नाम का एक लड़का रहता था, जिसके पिता किसान थे। अरुण वाकई पायलट बनना चाहता था