Storiesबच्चों की हिंदी प्रेरक कहानी: बहुरूपिया बहुरूपिया राजा के दरबार में पहुंचा, और बोला "यशपताका आकाश में सदैव फहराती रहे। बस दस रूपये का सवाल है, महाराज से बहुरूपिया और कुछ नहीं चाहता"। "मैं कला का परखी हूं। By Lotpot11 May 2024 12:03 IST