बाल कहानी : आकाश महल
शंहशाह जलालुद्दीन अकबर अभी दरबार में आकर बैठे ही थे कि दरबान ने आकर सूचना दी। आलमपनाह वर्मा के राजा का दूत आपके पास हाजिर होने की इजाजत चाहता है। इजाजत हैं। शंहशाह ने गुलाब का फूल सहलाते हुए उत्तर दिया। इजाजत पाते ही दरबान दूत को लेकर हाजिर हुआ और वह चिट्ठी लेकर बड़े अदब से बादशाह तक पहुँचाई जो वह वर्मा के राजा से लाया था।