Natkhat Neetu E-Comics: नटखट नीटू और कैक्टस
गर्मी का मौसम चल रहा था, नीटू अपने रोबो और डोगो के साथ शाम की सैर के लिए निकल रहा था। तभी घर से निकलते ही उनके सामने एक बहुत बड़ा कैक्टस का पेड़ चलता हुआ आने लगा।
गर्मी का मौसम चल रहा था, नीटू अपने रोबो और डोगो के साथ शाम की सैर के लिए निकल रहा था। तभी घर से निकलते ही उनके सामने एक बहुत बड़ा कैक्टस का पेड़ चलता हुआ आने लगा।
गर्मी की छुट्टियां ख़त्म होने वाली थीं, टीटा अपनी नानी के घर से लौट कर आ गया था। इधर नीटू और उसके साथी घर में आराम कर रहे थे। तभी टीटा वहां आता है और रोबो को सामने देख कर रोबो से पूछता है।
एक दिन की बात है नटखट नीटू टीटा और रोबो के साथ मूवी देख कर वापस आ रहा था, और वे सभी आपस में बातें कर रहे थे। नीटू बोल रहा था कि वाकई इंग्लिश फिल्मों की बात ही कुछ और है।
एक दिन की बात है मौसम बहुत अच्छा हो रहा था, हवा भी चल रही थी। टीटा घर से बाहर निकलता है तो मौसम को देखकर उसका मन पतंग उड़ाने का करने लगता है।
सुबह के सात बज रहे थे, नटखट नगर के लोग सुबह के काम निपटा रहे थे। रोबो और डोगो दोनों गार्डन में सुबह की धुप का मज़ा ले रहे थे। तभी रोबो, डोगो से बोलता है कि ओ! नाचीज़ जानवर बादशाह अकबर के सामने अदब से खड़ा हो।
एक दिन की बात है, नटखट नगर में प्रदर्शिनी लगी हुई थी। सभी बच्चे वहां घूमने जा रहे थे, कोई अपने मम्मी पापा के साथ तो कोई अपने दोस्तों के साथ। टीटा भी उनमे से एक था वो भी अपने मम्मी पापा के साथ प्रदर्शिनी में घूमने गया था।
होली की सुबह थी, पूरे नटखट नगर में होली का हो-हल्ला हो रहा था। टीटा की आँखें भी किसी टोली के हल्ले से ही खुली थी। जैसे ही वो उठा उसने सबसे पहले घड़ी में टाइम देखा और जल्दी जल्दी होली खेलने के लिए तैयार हो गया।