Travel: वैष्णवों का विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है गोवर्धन

मथुरा से पश्चिम में डीग-अलवर मार्ग पर गोवर्धन लगभग 24 कि.मी. है। यह वैष्णवों का विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यहाँ गोवर्धन नामक पर्वत है जिसकी सेवा-पूजा साक्षात भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमूर्ति के रुप में की जाती है।

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वैष्णवों का विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है गोवर्धन

Travel वैष्णवों का विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है गोवर्धन:- मथुरा से पश्चिम में डीग-अलवर मार्ग पर गोवर्धन लगभग 24 कि.मी. है। यह वैष्णवों का विश्व प्रसिद्ध तीर्थ स्थल है। यहाँ गोवर्धन नामक पर्वत है जिसकी सेवा-पूजा साक्षात भगवान श्रीकृष्ण की प्रतिमूर्ति के रुप में की जाती है। पर्वत की लम्बाई 7 कि.मी. के लगभग है। इसकी परिक्रमा करने देश-विदेश से धार्मिक जन वर्ष पर्यन्त आते हैं, किन्तु हर मास की पूर्णिमा, पुरुर्षोत्तम मास के सभी दिनों, मुड़िया पूनों तथा सावन, भादों व लोंद के महिनों में तो परिक्रमा का विशेष महत्व होने से लाखों नर-नारी और बच्चे इसकी परिक्रमा करते हैं। अनेकों श्रद्धालु दूध की धार और दण्डवत परिक्रमा भी लगाते हैं और मन्नतें मांगते हैं। यह अच्छा कस्बा है और यहाँ अनेक धर्मशालाएँ व यात्री-निवास हैं। (Travel)

मानसी गंगा

मानसी गंगा भगवान श्रीकृष्ण के स्नान के लिये जाना  जाता है जहाँ ‘आकाश गंगा’ का जल गिरा था, उससे प्रकट हुई बताते हैं। यह गोवर्धन नगरी के बीचो-बीच काफी बड़े क्षेत्र में है। इसके चारों ओर पक्के घाट और अनेक मन्दिर बने हैं। दीपावली के दिन यहाँ दीपदान-दीपमालिका की अपूर्व छटा देखने सहस्रों यात्री आते हैं। (Travel)

श्री गंगाजी का मन्दिर

मानसी गंगा के किनारे यह पुष्टि मार्गीय मन्दिर है।

गिरिराज मुकुट मन्दिर (मुखारविन्द)

Govardhan Parvat Mukharvind

मानसी गंगा पर ही गोवर्धन के मुखारविन्द के दर्शन हैं। यहाँ दूध चढ़ाकर भोग लगाया जाता है। यहाँ यम, कुबेर आदि की प्राचीन शिला-प्रतिमाएँ भी हैं। यह मन्दिर कार्वि्हष्ण सम्प्रदाय के महामंडलेश्वर स्वामी गुरु शरणानन्दजी के सहयोग से नवीनता को प्राप्त हुआ है। इस मन्दिर के पुनः निर्माण के पश्चात् सन् 1963 ई में वास्तु प्रतिष्ठा, शिखर पर महाध्वज दण्ड तथा स्वर्ण कलश की स्थापना हुई है। (Travel)

चक्रेश्वर महादेव

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यह मानसी गंगा के उत्तरी सिरे पर एक प्राचीन शिव मन्दिर है जिसका प्राचीन काल में महाराज बज्रनाभजी ने निर्माण कराया था। समीप ही चैतन्य महाप्रभु का मन्दिर, श्री महाप्रभुजी की बैठक है। यहीं सनातन गोस्वामी की भजन स्थली भी है। (Travel)

श्री हरदेवजी का मन्दिर एवं ब्रह्मकुण्ड

यह एक प्रचीन मन्दिर है जो मानसी गंगा के समीप ही लाल पत्थरों का बना है। इसे भी प्रचीनकाल में श्रीबज्रनाभजी द्वारा प्रतिष्ठित किया गया था। औरंगजेब ने इस मन्दिर को तुड़वाया था जिससे अब इसकी एक मंजिल ही शेष है। चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की द्वितीया तिथि को ठाकुर हरदेवजी की सवारी निकाली जाती है। पास में ही ब्रह्मकुण्ड है जहाँ ब्रह्माजी ने श्री कृष्ण जी की स्तुति की थी। (Travel)

गोवर्धन की परिक्रमा के तीर्थस्थल

श्री गिरि गोवर्धन और श्री यमुना भगवान श्री कृष्ण के समय के साक्षी हैं। श्री गिरिराज तो जन-जन के देवता हैं। इसकी परिक्रमा पर बृजवासी ही नहीं दूर-दूर से आने वाले श्रद्धालु जन अपने आप को धन्यभाग्य मानते हैं। (Travel)

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