Travel: सिक्किम के माथे का ताज है गुरुडोंगमार झील सिक्किम की इन्हीं खूबसूरतियों के बीच यहाँ का सबसे प्रमुख पर्यटक स्थल है गुरुडोंगमार झील जो हिमालय पर्वत पर स्थित सबसे ऊंची झीलों में से एक है। चलिए आज इसी अद्भुत झील की सैर पर चलते हैं। By Lotpot 25 Jan 2024 in Travel New Update सिक्किम के माथे का ताज है गुरुडोंगमार झील Travel सिक्किम के माथे का ताज है गुरुडोंगमार झील:- सिक्किम की इन्हीं खूबसूरतियों के बीच यहाँ का सबसे प्रमुख पर्यटक स्थल है गुरुडोंगमार झील जो हिमालय पर्वत पर स्थित सबसे ऊंची झीलों में से एक है। चलिए आज इसी अद्भुत झील की सैर पर चलते हैं और प्राकृतिक खूबसूरती की सराहना में और अन्य शब्द जोड़ते हैं। (Travel) गुरुडोंगमार झील सिक्किम के लाचेन में लगभग 5430 मीटर की उँचाई पर स्थित है गुरुडोंगमार झील। यह झील कंचनजंगा पर्वतमाला के उत्तर पूर्व में स्थित है। यह चीन की सीमा से केवल 5 किलोमीटर की दूरी पर है। ठंड के मौसम, नवंबर से मई के महीने में यह झील पूरी तरह से जमी रहती है। इस झील से एक प्रवाह निकलती है जो त्शो लामो झील को इस झील से जोड़ती है और फिर यहाँ से तीस्ता नदी का उद्गम होता है। (Travel) गुरुडोंगमार झील धार्मिक रूप से यह झील बौद्ध और सिक्ख धर्म, दोनो का पवित्र स्थल है। कहा जाता है कि, जब गुरु पद्मसम्भवा तिब्बत की यात्रा में थे तब उन्होंने इस झील को ही अपनी उपासना के लिए सबसे सही जगह के रूप में चुना था। जैसा कि यह झील साल के ज्यादातर समय जमी रहती है, लोगों को पीने का पानी नहीं मिल पा रहा था। लोगों ने गुरु पद्मसम्भवा से उनकी समस्या दूर करने का आग्रह किया। गुरु पद्मसम्भवा ने उनकी मदद के लिए झील के एक हिस्से में अपने हाथों को रखा जिसके बाद उस हिस्से का पानी कभी नहीं जमता चाहे कितनी भी ठंड हो। बस उस हिस्से को छोड़कर झील का बाकी हिस्सा जमा रहता है। सर्दियों के मौसम में बर्फ से जमा गुरुडोंगमार झील तब से ही एक धार्मिक स्थल के रूप में जाना जाने लगा और श्रद्धालु अपने अपने बर्तनों में झील के उस हिस्से का पानी अपने साथ ले जाते हैं। (Travel) इसी तरह गुरु नानक जी से भी संबंधित कथा यहाँ पर प्रचलित है। उनकी भी कथा गुरु पद्मसम्भवा की कथा से मिलती जुलती है। दूर दूर तक फैला नीला जल और पार्श्व में बर्फ से लदी श्वेत चोटियाँ गाहे बगाहे आते जाते बादलों के झुंड से गुफ्तगू करती दिखाई पड़ती हैं। झील के दूसरी ओर सुनहरे पत्थरों के पीछे गहरे नीले आकाश एक और खूबसूरती को दर्शाते हैं। यहाँ झील के किनारे एक सर्वधर्म प्रार्थना स्थल भी है। गुरुडोंगमार झील की यात्रा आप एक दिन में ही पूरी कर लेंगे। उसके बाद वहाँ के आसपास की खूबसूरती का भी मजा से ले पाएँगे। (Travel) रहने की सुविधा गुरुडोंमार झील पहुँचने के लिए सबसे पहले आपको लाचेन पहुँचना होगा जहाँ आप थोड़ी देर रुककर आराम भी कर सकते हैं। लाचेन में कई सारे होटल्स की सुविधा आपको आराम से मिल जाएगी। (Travel) गुरुडोंगमार पहुँचे कैसे? सड़क यात्रा द्वारा गुरुडोंगमार झील पहुँचने के लिए आपको सबसे पहले लाचेन पहुँचना होगा, जहाँ आप गंगटोक से 4 या 5 घंटे का सफर तय कर आराम से पहुँच सकते हैं। लाचेन से गुरुडोंमार झील आप 3 से 4 घंटों में पहुँच जाएँगे। बस की सुविधा या फिर निजी कैब और टैक्सी की सुविधा भी उपलब्ध हैं। रेल यात्रा द्वारा गुरुडोंगमार झील का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन है न्यू जलपाईगुड़ी, जो भारत के अन्य प्रमुख शहरों से आसानी से जुड़ा है। हवाई यात्रा द्वारा यहाँ का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा बागडोगरा है जो सिलिगुड़ी के नजदीक है। यहाँ से गंगटोक लगभग 124 किलोमीटर की दूरी पर है। (Travel) lotpot-e-comics | travel-places-in-india | travel-destinations-india | india-tourism | Travel Gurudongmar Lake | Gurudongmar Lake | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | सैर सपाटा | ट्रेवल सिक्किम यह भी पढ़ें:- Travel: भारत की सबसे बड़ी मीनार है कुतुब मीनार Travel: राजस्थान का एकमात्र हिल स्टेशन माउंट आबू Travel: भारत का दूसरा सबसे छोटा राज्य है सिक्किम Travel: वरुणा नदी और अस्सी घाट के बीच में बसा शहर वाराणसी #लोटपोट #Lotpot #India Tourism #सैर सपाटा #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #travel places in India #travel Sikkim #travel destinations India #Travel Gurudongmar Lake #Gurudongmar Lake #सिक्किम के माथे का ताज #गुरुडोंगमार झील #ट्रेवल सिक्किम You May Also like Read the Next Article