Travel: भारत का सबसे प्राचीन शिव मंदिर भारत के ज्यादातर प्राचीन मंदिर छठी से 16वीं सदी के बीच बने हैं। छठी सदी से पहले के निर्मित मंदिर बहुत कम मिलते हैं। ऐहोल का लड खान मंदिर, जो मूल रूप से शिव का मंदिर है, का निर्माण काल 450 ईसवीं बताया जाता है। By Lotpot 15 Dec 2023 in Travel New Update भारत का सबसे प्राचीन शिव मंदिर Travel भारत का सबसे प्राचीन शिव मंदिर:- भारत के ज्यादातर प्राचीन मंदिर छठी से 16वीं सदी के बीच बने हैं। छठी सदी से पहले के निर्मित मंदिर बहुत कम मिलते हैं। ऐहोल का लड खान मंदिर, जो मूल रूप से शिव का मंदिर है, का निर्माण काल 450 ईसवीं बताया जाता है। इस लिहाज से यह देश के सबसे प्राचीन मंदिरों में शामिल है। हालांकि इससे भी पुराना मंदिर बिहार के कैमूर जिले का मुंडेश्वरी देवी माना जाता है, जो 105 ईसवीं का बना हुआ बताया जाता है। मुंडेश्वरी मंदिर में कहा जाता है कि वहां 105 ईसवीं से लगातार नियमित पूजन हो रहा है। लड खान मंदिर में नियमित पूजा-पाठ नहीं होता। (Travel) चालुक्य शासन में इस मंदिर का इस्तेमाल शाही आयोजन और विवाह समारोह आदि के लिए होता था। मंदिर में एक ही प्रवेश द्वार है। यह दूर से किसी आवास के जैसा ही नजर आता है। इसकी छत सीढ़ीदार बनाई गई है, ताकि बारिश में पानी नहीं ठहर सके। यह दूर से किसी लकड़ी के घर का एहसास कराता है, पर यह ईश्वर का अपना आवास है। (Travel) लड खान मंदिर बाहर से बहुत सादगी भरा नज़र आता है। इसमें कुल 16 स्तम्भ हैं... लड खान मंदिर बाहर से बहुत सादगी भरा नज़र आता है। इसमें कुल 16 स्तम्भ हैं, जिसके सहारे मंदिर की छत खड़ी है। मंदिर के पीछे की दीवार से सटे कमरे को गर्भ गृह का रूप दिया गया है। कहा जाता है कि यह प्रारंभिक तौर पर सूर्य देव का मंदिर था, पर बाद में शिवालय के रूप में परिवर्तन हो गया। यह मंदिर पंचायत शैली में बना हुआ है। यह दो मंज़िला है। इसकी ऊपरी मंज़िल पर छोटा-सा सुंदर मंडप बना हुआ है। इस मंडप पर भी देव प्रतिमा उकेरी गई है। मंदिर के हॉल में बीच में नंदी की छोटी-सी प्रतिमा है। सभी मंदिरों की तरह नंदी का मुख मंदिर के गर्भ गृह की ओर है। गर्भगृह में काले रंग का शिवलिंगम स्थापित किया गया है। मंदिर के सभी 16 स्तम्भों पर भी अद्भुत नक्काशी देखी जा सकती है। इनमें राजसी वैभव के प्रतीक दिखाई देते हैं। एक स्तम्भ पर गाय और उसके साथ बाल गोपाल का चित्र नजर आता है। (Travel) मंदिर में अलग-अलग जगह के झरोंखों से धूप आने का इंतजाम है। कुछ मामलों में यह बादामी के गुफा मंदिरों से साम्य रखता है। ऐहोल के मंदिर समूह में लड खान मंदिर दुर्ग मंदिर के दक्षिण में स्थित है। इसका नाम लड खान क्यों पड़ा, इसको लेकर भी एक कहानी है। दरअसल इस मंदिर में बाद में गांव के लड खान का परिवार रहने लगा था, इसलिए लोग इसे लड खान मंदिर के नाम से पुकारने लगे। लड खान मुस्लिम राजकुमार था, जिसने इस मंदिर में थोड़े दिन निवास किया था। (Travel) कैसे पहुँचें ऐहोल कर्नाटक के बागलपेट जिले में स्थित है। आप यहां पट्टाडकल (17 किलोमीटर), बादामी (44 किमी) और बेंगलुरू (490 किमी) से सड़क मार्ग के जरिये पहुंच सकते हैं। हुगली-शोलापुर रेलखंड पर स्थित बागलपेट यहां का नजदीकी रेलवे स्टेशन है, जो 34 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। नज़दीकी हवाई अड्डा बेलगाम है, जो करीब 190 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। (Travel) lotpot-e-comics | travel-places-in-india | travel-destinations | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | ट्रेवल | ghuumne-kii-jgh यह भी पढ़ें:- Travel: 1559 से अस्तित्व में आया शहर उदयपुर Travel: भारत का दूसरा सबसे छोटा राज्य है सिक्किम Travel: रणथंभौर का त्रिनेत्र गणेश मंदिर Travel: विश्व धरोहर हैं अजंता और एलोरा की प्राचीन रॉक-कट गुफाएँ #लोटपोट #Lotpot #Travel #Travel destinations #ट्रेवल #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #travel places in India #घूमने की जगह #भारत का सबसे प्राचीन शिव मंदिर You May Also like Read the Next Article