बाल कहानी : शरारत की सजा जंगल के सभी जानवर साल में एक दिन नदी के किनारे पिकनिक मनाने जाया करते थे। लेकिन वे लोमड़ को कभी अपने साथ नहीं ले जाते थे, क्योंकि लोमड़ अपने घर से कुछ नहीं लाता था, उल्टे दूसरों की चीजों पर हाथ साफ कर देता था। जब से जानवरों ने लोमड़ का बहिष्कार किया तब से वह शरारत पर और आमादा हो गया। उसने तय कर लिया कि किसी न किसी तरकीब से पिकनिक की चीजों पर हाथ जरूर साफ करेगा। By Lotpot 20 Feb 2020 | Updated On 20 Feb 2020 07:39 IST in Stories Moral Stories New Update बाल कहानी : (Lotpot Hindi Kids Stories) शरारत की सजा- जंगल के सभी जानवर साल में एक दिन नदी के किनारे पिकनिक मनाने जाया करते थे। लेकिन वे लोमड़ को कभी अपने साथ नहीं ले जाते थे, क्योंकि लोमड़ अपने घर से कुछ नहीं लाता था, उल्टे दूसरों की चीजों पर हाथ साफ कर देता था। जब से जानवरों ने लोमड़ का बहिष्कार किया तब से वह शरारत पर और आमादा हो गया। उसने तय कर लिया कि किसी न किसी तरकीब से पिकनिक की चीजों पर हाथ जरूर साफ करेगा। इस बार लोमड़ नई तरकीब सोच रहा था और जंगल के अन्य जानवर पिकनिक की तैयारी कर रहे थे। नदी के किनारे एक पेड़ के नीचे दरी बिछाकर जानवरों ने खाने पीने की चीजें लाकर रखनी शुरू कर दी। लोमड़ दूर एक झाड़ी में छिपा सब कुछ देख रहा था। उसके मुहँ में पानी आ रहा था। वह मौके की तलाश में था। थोड़ी देर बाद जब सभी जानवर आ गये तो नाच गाने का कार्यक्रम शुरू हुआ बंदरिया ने नाच शुरू किया तो सभी झूमने लगे। किसी को खाने की चीजों का ध्यान ही नहीं रहा। लोमड़ को इसी मौके की तलाश थी। झाड़ी से निकल कर वह खानें की चीज एक एक करके गयाब करने लगा। उसे बहुत मजा आ रहा था। लोमड़ सोच रहा था कि अब खाने की सारी चीजें गायब मिलेंगी, तब इन लोगों को पता चलेगा। वह आराम से बैठा, झाड़ी में तरह तरह के पकवानों का मजा ले रहा था। झाड़ी भी ऐसी थी कि बाहर से कुछ नहीं दिखाई देता था इसलिए वह पूरी तरह तय था। सभी को अपनी गलती का एहसास हुआ करीब दो घंटे बाद नाच गाने का कार्यक्रम समाप्त हुआ। तो जानवरों ने कहा। आओ अब खाना खायें। लेकिन जब वे पेड़ के नीचे गए तो वहाँ से सारी चीजें लापता थीं। सभी जानवर एक दूसरे को हैरानी से देख रहे थे। वे आपस में तरह तरह की बातें करने लगे। अब उन्हें अपनी गलती का अहसास हुआ कि क्यों नहीं किसी को रखवाली करने का काम दिया। भोला भालू बोला। यह काम लम्पट लोमड़ के सिवा और किसी का नहीं हो सकता। उसने ही यह शरारत की है। लेकिन लम्पट कहीं दिखाई नहीं पड़ रहा है? मीकु बंदर ने कहा। जिर्राफ ने अपनी र्गदन ऊपर उठाकर इधर उधर देखने की कोशिश की लेकिन लोमड़ कहीं नजर नहीं आया। कुछ जानवरों ने पेड़ों पर भी देखा लेकिन लोमड़ वहाँ भी नहीं था। झाड़ी में बैठा लोमड़ यह सब देख रहा था। वह खूब खुश हो रहा था। भोला भालू बोला। दोस्तों! लोमड़ जरूर यहीं कहीं छिपा होगा। क्योंकि वइ इतनी जल्दी भाग नहीं सकता। आओ हम लोग उसकी तलाश करें। अगर मिल जाये तो उसको ऐसा सबक सिखा दें कि उसकी आदत हमेशा के लिये छूट जाए। फिर क्या सब लग गए उससे तलाश करने भोला भालू आगे आगे चला, उसके पीछें पीछें अन्य जानवर थे। अचानक वह जगह भोला को शहद गिरा दिखाई दिया। उसने ध्यान से शहद को देखा और सभी जानवरों को दिखाया। वह बोला लोमड़ जरूर पकड़ में आयेगा। कुछ दूर चलने पर और शहद मिला। धीरे धीरे करते सभी जानवर उसी झाड़ी के पास पहुँच गये, जिसमें लोमड़ के हाथ पैर फूलने लगे। वह समझ गया कि अब मुसीबत आने वाली है और वह बच नहीं सकता। सभी जानवरों ने झाड़ी को घेर लिया। आखिर लोमड़ को पकड़ लिया गया। सभी जानवरों ने उसकी जमकर पिटाई की। आखिर में लोमड़ हाथ जोड़कर माफी मांगने लगा। उसने कसम खाई कि आगे से वह कभी ऐसा नहीं करेगा। लेकिन भालू ने कहा। इसके मुँह में कालिख पोतकर, गले में ‘मैं चोर हूँ’ की तख्ती लगा कर पूरे जंगल में घुमाया जाये। अन्त में लोमड़ के मुँह में कालिख पोतकर, गले में तख्ती लटकाई गई और पूरे जंगल में घुमाया गया। सभी जानवर उसके पीछे पीछे तालियाँ बजा रहे थे। बाद में लोमड़ को छोड़ दिया गया। उसके बाद वह उस जंगल को छोड़कर भाग गया। ये कहानी भी आपके लिए है : बाल कहानी : मोती की भक्ति भावना #Acchi Kahaniyan #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Kahani #Hindi Story #Inspirational Story #Jungle Story #Kids Story #Lotpot ki Kahani #Mazedaar Kahani #Moral Story #Motivational Story #जंगल कहानियां #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #रोचक कहानियां #लोटपोट #शिक्षाप्रद कहानियां #हिंदी कहानी You May Also like Read the Next Article