बाल कहानी: इंडोर पेशेंट

बाल कहानी: इंडोर  पेशेंट- डॉक्टर माथुर धनी तो थे ही उसके साथ ही वह दयालु भी बहुत थे। जो भी रोगी उनके पास आता जब तक वह अच्छा न हो जाता तब तक वे उसका पूरी तरह ध्यान रखते और यदि उसके पास दवा के लिए पैसे न भी होते तो उसका अपने पास से पैसे खर्च करके इलाज करते।

New Update
बाल-कहानी-इंडोर-पेशेंट-hindi-kids-story

बाल कहानी: इंडोर पेशेंट- डॉक्टर माथुर धनी तो थे ही उसके साथ ही वह दयालु भी बहुत थे। जो भी रोगी उनके पास आता जब तक वह अच्छा न हो जाता तब तक वे उसका पूरी तरह ध्यान रखते और यदि उसके पास दवा के लिए पैसे न भी होते तो उसका अपने पास से पैसे खर्च करके इलाज करते।

डॉक्टर माथुर एक दिन अपनी दुकान पर बैठे थे। उसके पास कुछ मरीज बैठे थे। किसी को दवा दे रहे थे किसी को उसकी बीमारी के बारे में पूछ रहे थे कि सामने के पेड़ पर पत्तों की खड़खड़ाहट हुई और एक कौआ अपने पंख फड़फड़ाता हुआ डॉक्टर की दुकान के आगे आ गिरा।

डॉक्टर माथुर का ध्यान तुरन्त उस ओर चला गया और वे अपनी कुर्सी से भागते हुए उस कौए के पास पहुंचे उन्हें देखकर यह समझने में देर न लगी कि किसी शरारती लड़के ने गुलेल से पत्थर मारा है और वह कौआ घायल हो गया है।

बाल-कहानी-इंडोर-पेशेंट-hindi-kids-story

कौए की टांग पर चोट आई थी और घाव से खून बह रहा था। चोट लगने से कौआ अधमरा सा हो गया था। डॅाक्टर माथुर दयालु तो थे ही उन्होंने तुरन्त कौए को उठाया और अपनी दुकान पर ले गये उनके कंपाउडर ने कौए के पंख पकड़ लिये और डॉक्टर माथुर ने उस घाव पर पहले स्प्रिट लगाई, साफ किया और फिर दवा लगा कर पट्टी बांध दी।

दुकान पर बैठे बाकी के मरीज डॉक्टर की दयालुता देख कर हैरान हो रहे थे। पट्टी बांधने के थोड़ी देर बाद कौए ने आँखे खोलीं। उसे लगा कि उसका दर्द कुछ कम हुआ है। डॉक्टर ने तुरन्त पास की दुकान से डबल रोटी मंगवा कर कौए के पास रख दी। अब कौआ अपनी चोंच से रोटी काट काट कर खाने लगा था।

रात हुई डॅाक्टर ने दुकान के अन्दर ही कौए को एक ओर बिठा कर उसके पास डबल रोटी दूध में डालकर रख दी। और पास में  पानी का प्याला रख दिया। रात बीती। सुबह हुई।

डॉक्टर माथुर ने जल्दी जल्दी से अपना नाश्ता किया और अपना मैडिसिन बैग उठाकर जल्दी जा रहे हैं किसी विशेष पेशेंट को देखने जाना है क्या?’ हाँ बहुत अर्जेंट केस है। इंडोर पेशेंट है

इंडोर का नाम सुनते ही डॉक्टर माथुर की पत्नी हैरान होकर पूँछने लगी-‘आपने कौन सा इन्डोर हॉस्पिटल बना लिया है।’

अरे बाबा दुकान को ही हमने इन्डोर हॉस्पिटल बना लिया है।’

डॉक्टर माथुर ने हँसते हुए उत्तर दिया। उसके बाद डॉक्टर ने कौए के घायल होने और उसकी पट्टी आदि करने की सारी कहानी सुना दी। ‘पेशेंट कौआ है’ यह सुनकर डॉक्टर की पत्नी अनुराधा हँस पड़ी।

फिर कहने लगी इस पेशेंट के ट्रीटमेंट का खर्चा कौन देगा?’ डॉक्टर माथुर हँसे और चाबियाँ लेकर दुकान की ओर चलते बनी।

जैसे ही डॉक्टर ने दुकान खोली कौआ काँव काँव चिल्ला रहा था। डॉक्टर माथुर समझ गये। कि उनका मरीज अच्छा है। डॉक्टर ने कौए की टांग देखनी चाही तो कौवे ने झट से अपनी टांग उसके आगे बढ़ा दी।

डॉक्टर ने रात वाली पट्टी बांधी। अब पट्टी करवा कर कौआ काँव काँव करता हुआ सामने के पेड पर अपने घोंसले में जा। बैठा डॉक्टर माथुर अपने किये पर संतुष्ट थे।

अगले दिन डॉक्टर माथुर ने जब सुबह दुकान खोली नौकर ने झाडू लगाई डॉक्टर अपनी कुर्सी पर बैठा तो कौआ अपने घोंसले में से उड़ा और काँव काँव करता हुआ डॉक्टर के टेबल पर आ बैठा। उसने झट अपनी टांग आगे बढ़ा दी।

डॉक्टर कौए की बात पर हँस पड़ा। उसने फिर उसकी टांग की पट्टी बताई घाव साफ किया और फिर पट्टी कर दी। कुछ दिन कौआ पट्टी करवाने आता रहा उसकी टांग अच्छी हो गई।

एक दिन डॉक्टर माथुर के पास कोई व्यक्ति आया और मरीज को दिखाने उन्हें साथ लिवा ले गया। जैसे ही डॉक्टर दुकान से नीचे उतरा झुक कर दुकान बंद करने लगा तो उसकी जेब से बटुआ फिसल कर नीचे गिर गया। डॉक्टर को उसका पता न चला। पर जैसे ही डॉक्टर आगे गया, कौए की नजर उस पर पड़ी वह तुरन्त नीचे आया।

बटुआ चोंच में उठाया और अपने घोंसले में चला गया। डॉक्टर रोगी देखकर जब लौट रहा था तो अचानक उसका हाथ जेब पर पड़ा। वह भौचक्का सा रह गया। बटुए में बहुत से रुपये थे। पर डॉक्टर को यह ध्यान नहीं आ रहा था कि बटुआ कहाँ गया।

बाल-कहानी-इंडोर-पेशेंट-hindi-kids-story

वह अपने आप में बुझा बुझा सा दुकान पर लौटा तो कौआ, जो डॉक्टर के आने की राह देख रहा था उसने तुरन्त अपने घोंसले से बटुआ उठाया और लाकर डॉक्टर की टेबल पर रख दिया। बटुआ पाकर डॉक्टर की खुशी का ठिकाना न रहा! डॉक्टर ने तुरन्त हलवाई की दुकान से मिठाई मंगवा कर कौए को खिलाई।

शाम को जब डॉक्टर घर पहुंचा तो उसने अपनी पत्नी को बताया कि उसके इन्डोर पेशेंट ने उसकी कितनी सहायता की है। फिर उसने कौए द्वारा बटुआ सुरक्षित रखने और फिर लौटा देने की बात अपनी पत्नी को बताई।

वे दोनों खूब हँसे पेशेंट ने तो आपको इलाज का पूरा खर्चा दे दिया है।’ डॉक्टर की पत्नी शीला ने कहा। डॉक्टर माथुर ने यह कहानी कितने ही लोगों को सुनाई। पर वे अब भी मौका मिलने पर सुनाने से चूकते नहीं।

और पढ़ें : बाल कहानी : आदमी का शिकार

Facebook Page

#Acchi Kahaniyan #Bacchon Ki Kahani #Best Hindi Kahani #Hindi Story #Inspirational Story #Jungle Story #Kids Story #Lotpot ki Kahani #Mazedaar Kahani #Moral Story #Motivational Story #जंगल कहानियां #बच्चों की कहानी #बाल कहानी #रोचक कहानियां #लोटपोट #शिक्षाप्रद कहानियां #हिंदी कहानी