/lotpot/media/media_files/peI8zjFAQC9mVcfKqun1.jpg)
पर्यावरण के लिए पंछी संरक्षण भी जरूरी है
Positive News पर्यावरण के लिए पंछी संरक्षण भी जरूरी है:- एक जमाना था जब हम अपने घरों के आसपास बहुत सारे चिड़िया देखा करते थे, लेकिन जैसे जैसे बिल्डिंगे, पक्की सड़कें, फैक्ट्री, इंडस्ट्री बनाने के लिए जंगल, बाग बगीचे काटे जाने लगे, गौरैया जैसे कितनी छोटी पंछियां हमसे दूर होने लगी। जिस तरह से पेड़ पौधे हमारे पर्यावरण के लिए जरूरी हैं वैसे ही हमारे ये प्राकृतिक निवासी भी पर्यावरण के संतुलन के लिए जरूरी हैं। दिल्ली के रहने वाले राकेश खत्री को यही बात, बीस वर्ष पहले समझ में आ गई थी जब वे दिल्ली में रहने आए थे। (Positive News)
बचपन से जिन चिड़ियों के बीच खेलते कूदते वे बड़े हुए थे,वो सब अब कहीं खो गए। यह विचार आते ही उन्होंने इस बारे में शोध शुरू कर दिया और पाया कि चिड़ियों को घर ना मिल पाने के कारण वे शहरों से दूर चले जा रहें है। राकेश ने तब इन नन्हे जीवों के लिए घोंसला बनाने का फैसला कर लिया। उन्होंने पहले कुछ नारियल के खोल इकठ्ठे किए, उसे चारों तरह से नारियल के रस्सियों से लपेटा और घर के बाहर, जहां भी टांगने की जगह मिली, टांग दिया। (Positive News)
लेकिन कई दिनों बाद भी कोई चिड़िया वहां नहीं आई। यह देखकर सबने उनकी हंसी उड़ाई...
लेकिन कई दिनों बाद भी कोई चिड़िया वहां नहीं आई। यह देखकर सबने उनकी हंसी उड़ाई। लेकिन राकेश ने हिम्मत नहीं हारी, वो तरह तरह के उपकरणों से घोंसले बनाते रहे, कभी बांस की पतली डंडियों से तो कभी बेंत से कभी, लकड़ियों के डब्बों से,कभी घास से, कभी कांच के बर्तनों से तो कभी जूट की रस्सियों से। आखिर उनकी मेहनत रंग लाई और एक दिन एक जोड़ी गौरैया ने उनके बनाए घोंसले को अपना लिया। (Positive News)
आज उनके घर के आसपास, राकेश द्वारा बनाए घोंसलों में सैकड़ों गौरैया तथा अन्य पक्षी रहते हैं। आज तक वे ढाई तीन लाख घोंसले बना चुके हैं, और दस लाख से ज्यादा लोगों को इकोफ्रेंडली घोंसला बनाना और उन्हें अपने घरों के आसपास टांगना सिखाया। राकेश ने कोविड काल के दौरान वेबिनार्स के जरिए घर बैठे, दुनिया को घोंसला बनाना सिखाया। आज उनके इस घोंसला बनाने की मुहिम से लाखों लोग जुड़ गए हैं और उनसे सीखकर अपने आंगन, बाग और बालकनी में घोंसला लगाने लगे हैं। (Positive News)
इस नेक कार्य के लिए, राकेश को पांच अवॉर्ड्स भी प्राप्त हुए जिसमें लिम्का बुक्स ऑफ़ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स, इंटरनेशनल ग्रीन एपल अवॉर्ड, नैशनल अवॉर्ड, डॉक्टर केकेज़ एचसीएफआई अवॉर्ड शामिल हैं। इसके अलावा चौथी कक्षा के आइसीएसई किताब में उनके इस नेक काम पर एक चैप्टर भी है। आज की तारीख में, राकेश खत्री इस मुहिम को लेकर एक संस्था भी चलाते हैं, जिसका नाम है 'इको रूट्स'। आज दुनिया उन्हें नेस्ट मैन ऑफ इंडिया कहकर सम्मान देते हैं। (Positive News)
Lotpot Positive News | lotpot-e-comics | Nest man Of India | Bird Protection | save-environment | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | ponjittiv-nyuuz