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मोटू पतलू और चाचा खोटु मल
Motu Patlu E-Comics मोटू पतलू और चाचा खोटु मल:- पिछली गर्मियों की बात है मोटू पतलू अपने गार्डन में टहल रहे थे, तभी उन्हें चाचा खोटु मल आते हुए दिखाई दिए। दोनों चाचा को आते देख खुश हो गए, जैसे ही चाचा जी उनके पास पहुंचे वे बोलने लगे की भतीजों बहुत जी लिया गृहस्थ जीवन अब तो मैं चला तीर्थ यात्रा पे। (Motu Patlu | Comics) ये सुन कर मोटू पतलू ने पूछा की चाचा जी अगर आप तीर्थ यात्रा पे चले जाएंगे तो आपकी सारी जायदाद का क्या होगा, सब कुछ किसे देकर जाओगे चाचा जी? चाचा जी ने बोला की वो तो सब मैंने बेच दी है, और उसका जो भी पैसा मुझे मिला है वो मैं अपने सब जानने वालों में बाँट दूंगा। चाचा जी की बात सुनकर मोटू बोला इसका मतलब सबके हिस्से में कुछ न कुछ आएगा, वाह चाचा जी आप तो महादानी निकले। (Motu Patlu | Comics) चाचा जी ने बोला की मैं तुम लोगों का भी हिस्सा तुम्हे देकर कश्मीर चला जाऊंगा तीर्थ यात्रा पर बस मेरी कल की टिकट करा दो बाई एयर। चाचा जी की बात ख़तम होते ही वहां डॉ. झटका और घसीटा आ गए और डॉ. झटका ने आते ही बोला की अरे हम करा देंगे टिकट आखिर हम भी तो आपके भतीजे हैं चाचा जी। डॉ. झटका की बात सुनकर चाचा जी बोलते हैं की हाँ भाई मैं तुम लोगों को भी जानता हूँ सो तुम लोगों को भी हिस्सा दे कर ही जाऊंगा। मोटू दोनों को देख कर बोलता है की आ गए दोनों लालची लोग। पतलू डॉ. झटका और घसीटा से बोलता है की भाग जाओ तुम दोनों यहाँ से ये हमारे चाचा जी हैं हम इनकी खातिरदारी खुद ही कर लेंगे। (Motu Patlu | Comics)
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