/lotpot/media/media_files/chocolate-ki-shararat.jpg)
एक दिन, चिंटू और मोटू अपने घर के बगीचे में खेल रहे थे। तभी गप्पू दौड़ता हुआ आया और बोला, "चिंटू और मोटू! क्या तुमने सुना? चॉकलेट के पेड़ के बारे में!"
"चॉकलेट का पेड़?" चिंटू ने हैरानी से पूछा। "वो क्या होता है?"
"हां, गप्पू ने बताया कि जंगल में एक पेड़ है, जिस पर चॉकलेट फल लगते हैं। चलो, चलकर देखते हैं!" मोटू ने उत्साह से कहा।
जंगल की ओर यात्रा
तीनों दोस्त जंगल की ओर बढ़े। जंगल में पहुँचते ही उन्होंने देखा कि चारों ओर रंग-बिरंगे फूल खिले हैं। लेकिन उन्हें चॉकलेट के पेड़ की तलाश करनी थी।
"आगे बढ़ो, चॉकलेट हमें इंतज़ार कर रही है!" चिंटू ने कहा।
कुछ ही देर में, उन्होंने एक बड़ा सा पेड़ देखा। "यहाँ तो चॉकलेट लग रही है!" गप्पू चिल्लाया।
बुली बच्चे की शरारत
जैसे ही उन्होंने चॉकलेट के फलों को तोड़ा और खाने लगे, तभी अचानक उनके स्कूल का बुली बच्चा वहाँ आ गया। उसका नाम था विक्की। उसने चॉकलेट के फलों को देखा और चिल्लाया, "अरे, ये तो मेरी चॉकलेट है! तुम लोग इसे नहीं खा सकते!"
"क्या? ये हमारी चॉकलेट है!" मोटू ने कहा।
विक्की ने मुस्कुराते हुए कहा, "अगर तुम मुझे चॉकलेट नहीं दोगे, तो मैं तुम्हें परेशान करूँगा!"
"अरे, तुम तो बुरा कर रहे हो!" चिंटू ने कहा। "क्या तुम हमें परेशान करोगे?"
विक्की बोला, "हाँ! और मैं तुम्हें यहाँ से नहीं जाने दूंगा!"
हंसी-मजाक और मस्ती
तब गप्पू ने कहा, "सुनो विक्की, क्या तुम चॉकलेट के लिए एक खेल खेलना चाहोगे?"
"कौन सा खेल?" विक्की ने उत्सुकता से पूछा।
"एक दौड़!" गप्पू ने कहा। "जो दौड़ में जीत जाएगा, उसे चॉकलेट मिलेगी।"
विक्की ने खुशी से कहा, "ठीक है, मैं तैयार हूँ!"
तीनों दोस्तों ने दौड़ लगाई और विक्की भी उनके पीछे दौड़ने लगा। लेकिन जैसे ही वो दौड़ने लगे, मोटू ने एक आइडिया सोचा।
"चलो, एक पेड़ के पीछे छिप जाएं!" उसने कहा।
छिपने की योजना
सभी दोस्त तेजी से एक पेड़ के पीछे छिप गए। विक्की ने उन्हें ढूंढने की कोशिश की, लेकिन वो उन्हें नहीं देख सका।
विक्की बोला, "कहाँ हो तुम? चॉकलेट वापस करो!"
चिंटू ने हंसते हुए कहा, "तुम हमारी चॉकलेट नहीं ले सकते, तुम तो हार गए!"
विक्की ने हार मान ली और कहा, "ठीक है, ठीक है! मैं चॉकलेट छोड़ता हूँ, पर अगली बार और अच्छा खेलना!"
फिर तीनों दोस्तों ने चॉकलेट का आनंद लिया और हंसते हुए कहा, "आज का दिन मजेदार रहा!"
"हाँ, और अब हमें बगीचे में और मजे करना है!" मोटू ने कहा।
कहानी से सीख:
इस कहानी से हमें यह सिखने को मिलता है कि दोस्ती और मस्ती में हमेशा एक अच्छा समय बिताया जा सकता है, और कभी-कभी मजेदार शरारतें भी हमें हंसने का मौका देती हैं।
यह भी पढ़ें:-
सीख देती मजेदार कहानी: राजा और मधुमक्खी
मजेदार हिंदी कहानी: आलसी राजू
मजेदार हिंदी कहानी: घमण्डी राजा
Fun Story: घमंडी ज़मींदार