Fun Stories: दोहरी दृष्टि यह कहना बहुत मुश्किल था कि नीति की दोहरी दृष्टि थी। उसकी एक पल के लिए दोहरी दृष्टि होती थी और दूसरे ही पल ठीक हो जाती थी। एक दिन अचानक सड़क पर काफी भीड़ हो गई। By Lotpot 12 Oct 2023 in Fun Stories Stories New Update Fun Stories: दोहरी दृष्टि Fun Story for kids Dohri drishti:- यह कहना बहुत मुश्किल था कि नीति की दोहरी दृष्टि थी। उसकी एक पल के लिए दोहरी दृष्टि होती थी और दूसरे ही पल ठीक हो जाती थी। एक दिन अचानक सड़क पर काफी भीड़ हो गई। लोग एक दूसरे को धक्का मुक्की कर रहे थे, एक दूसरे को धक्का देकर आगे जाने की कोशिश कर रहे थे। नीति ने अपनी आँखें मली और अपना सिर ज़ोर से झटका। लेकिन भीड़ नहीं हटी, और बढ़ती गई। तब उसने महसूस किया कि क्या हुआ। अचानक हर कोई दो रूप में नज़र आने लगा। नीति को हर कोई दो दो नज़र आने लगा जैसे हर किसी की परछाई उसके साथ चल रही हो। नीति का दिल ज़ोर से उछल गया। (Fun Stories) उसको अलग महसूस करके दुःख हुआ घबराकर वह अपने खुद का दोहरा रूप ढूंढने लगी। 11 वर्षीय चमकदार आँखों वाली नीति को खुद का दोहरा रूप नज़र नहीं आया। उसे उस वक्त थोड़ा दुख हुआ लेकिन उसे शांति मिली और डर भी लगा। उसे उस समय अपने आपको अलग महसूस करके दुख हो रहा था लेकिन कहीं न कहीं उसे शांति भी मिली। वह पूरी तरह निश्चित नहीं थी कि उसे अपना दोहरा रूप चाहिए या नहीं। वह सड़क पर निकली और रास्ता बदलते हुए वह अपनी राह पर चली ताकि उसे भीड़ का सामना ना करना पड़े। लेकिन फिर भी वह लोगों से टकराती गई और लोग उसे गंदी तरह देख रहे थे। क्या समस्या है? नीति मान रही थी कि यह जो समस्या आई है यह अपने आप चली भी जाएगी। तब उसने श्रेया को देखा और श्रेया के साथ उसकी दोहरी दृष्टि भी उसे सड़क से आती हुई दिखाई दी। श्रेया उसकी कक्षा में थी और श्रेया को नीति बिलकुल पसंद नहीं करती थी। श्रेया हमेशा नीति के चेहरे के बारे में कुछ न कुछ कहती रहती थी। श्रेया बोली, ‘हे, छोटी लड़की!’ यह सुनकर नीति उसे मारना चाहती थी क्योंकि उसे पता था कि वह कक्षा में सबसे छोटी है लेकिन किसी को बार बार यह बताने की ज़रूरत नहीं थी। तभी एक बड़ी सी मकड़ी श्रेया के कंधे पर चलने लगी। कुछ सेकेंड में वह उसके मुंह तक पहुंच जाती, उसे कुछ करना था। बेशक श्रेया कितनी भी बुरी क्यों ना हो लेकिन नीति उसके चेहरे पर एक मकड़ी को नहीं चलने देना चाहती थी। उसने तुरंत श्रेया के कंधे से मकड़ी को हटाया। (Fun Stories) श्रेया चिल्लाई, ‘तुम क्या कर रही हो? क्या तुम पागल हो गई हो।’श्रेया ने नीति को गलत समझा। नीति ने कहा, ‘तुम्हारे कंधे पर मकड़ी थी।’ओह! श्रेया ऐसे चिल्लाई जैसे उसने मकड़ी को गिरते हुए देखा। लेकिन नीति का सिर घूम रहा था। वह इन सबको और नहीं झेल सकती थी, उसे घर जाना था। शायद वह घर जाकर यह सोचना चाहती थी कि वह सब बुरा सपना देख रही थी। जब वह घर पहुंची तो उसे पूरा यकीन था कि उसको एक माँ की जगह दो माँ नज़र आएंगी और उसे नहीं पता था कि वह किसको गले लगाए। जब उसने एक माँ से दूसरी माँ की तरफ देखा तो उसने कुछ महसूस किया, उनके चेहरे के भाव अलग अलग थे। एक थकी हुई दिख रही थी तो दूसरी माँ के चेहरे पर चमक थी। वह आगे बढ़ी और उसने चमचमाती माँ को गले लगाया और उसने सही माँ को गले लगाया था, क्योंकि उसकी माँ ने उसे बदले में गले लगाया था। नीति की माँ ने कहा, ‘क्या हुआ? तुम इतनी हैरान क्यों दिख रही हो? आओ खाना खा लो।’ ठीक है, नीति ने कहा। नीति अपनी माँ के सामने ठीक दिखने की कोशिश कर रही थी। वह सोच रही थी कि जो उसने महसूस किया, क्या वह अपनी माँ को वह बता दे लेकिन उसे डर था कि उसकी माँ उस पर विश्वास करेगी या नहीं? तभी उसे बहुत थकान महसूस होने लगी। वह इतनी थक गई थी कि खाने के बाद वह अपना स्कूल का काम भी नहीं कर पा रही थी। वह अपने पलंग पर जाकर सो गई। जब वह सोकर उठी तो शाम की हल्की हल्की रोशनी उसके कमरे में थी। उसकी माँ कह रही थी, ‘उठ जाओ।’तभी उसकी माँ उसके लिए दूध का गिलास और कुछ बिस्कुट खाने को लाई और उसने महसूस किया कि कुछ बदल गया है। अब सिर्फ एक ही माँ थी। (Fun Stories) ऐसी और कहानियाँ पढ़ें: एक प्यारी सी कहानी : तोते की कैद से मुक्ति मजेदार कहानी : किस्सा नसीरूद्दीन का आपके लिए मज़ेदार कहानी- सम्राट पेटू नंद स्कूल की कहानी : ईर्ष्या का फल #Bacchon ke Liye kahani #बच्चों की कहानी #Lotpot Kids #बच्चों की अच्छी अच्छी कहानियां #बच्चों की मनोरंजक कहानियाँ #Lotpot Kahaniya #Baal kahani #fun story You May Also like Read the Next Article