कछुआ और उसका डर: एक जंगल हिंदी कहानी | Best Hindi Moral Story for Kids
Web Stories: बच्चों के लिए कहानियाँ न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि वे जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सिखाती हैं। कछुआ और उसका डर की कहानी एक ऐसी प्रेरक हिंदी कहानी है,
Web Stories: बच्चों के लिए कहानियाँ न केवल मनोरंजन का साधन हैं, बल्कि वे जीवन के महत्वपूर्ण सबक भी सिखाती हैं। कछुआ और उसका डर की कहानी एक ऐसी प्रेरक हिंदी कहानी है,
यह प्रेरक कहानी रामू और कालिया की है, जहाँ एक सीधा-सादा इंसान अपनी सच्चाई से एक चोर को सुधारता है। रामू की भगवान पर आस्था और कालिया की बदलती सोच ने उन्हें नई जिंदगी दी, और दोनों ने मिलकर मेहनत से खुशहाली पाई।
Web Stories: यह कहना बहुत मुश्किल था कि नीति की दोहरी दृष्टि थी। उसकी एक पल के लिए दोहरी दृष्टि होती थी और दूसरे ही पल ठीक हो जाती थी। एक दिन अचानक सड़क पर काफी भीड़ हो गई।
यह कहना बहुत मुश्किल था कि नीति की दोहरी दृष्टि थी। उसकी एक पल के लिए दोहरी दृष्टि होती थी और दूसरे ही पल ठीक हो जाती थी। एक दिन अचानक सड़क पर काफी भीड़ हो गई।
लोमड़ मामा डींग हाँकने में सबसे आगे था। कहीं कोई बात निकलती तो वह कहता। इसमें बड़ी बात क्या है? यह तो मेरे बाएं हाथ का खेल है। कभी कहता, मैंने दुश्मनों के दाँत खट्टे कर दिये। तो कभी बोलता, डाकुओं से ऐसी मुठभेड़ हुई कि वे दुम दबाकर भाग खड़े हुए। कभी शेर को नीचा दिखाने की बात बताता तो कभी साँप को टुकड़े-टुकड़े करने की कहानी सुनाता। एक दिन लोमड़ मामा ‘खरगोश बस्ती’ में पहुँच कर अपनी डींग हाँकने लगा। उसकी डीगं सुनकर सब तंग आ चुके थे। तब खनकू और मनकू नामक खरगोशों ने सोचा कि अब लोमड़ मामा की पोल खोल देने में ही सबका भला है।
रोमिका जंगल का शासक ‘राॅकी शेर’ प्रति वर्ष नये साल पर खूब खुशियाँ मनाया करता। नये साल की नूतन बेला में वह जंगल के समस्त प्राणियों को दावत देता और विभिन्न प्रकार की प्रतियोगिताएँ भी आयोजित करवाता। इससे जंगल के सभी प्राणी बड़े खुश रहते। और उन्हें नये साल के आगमन का हर साल बेसब्री से इंतजार रहता। एक साल-नूतन वर्ष के दिन संत मीन्टू भालू पधारे। उन्होंने अपना पड़ाव जंगल की सीमा पर ही जमाया। उनकी प्रसिद्धि की शौहरत सुनकर खुद ‘राॅकी शेर’ उनके दर्शनार्थ पहुँचा और बोला। आज नूतन वर्ष का शुभ दिन है।