Fun Story : टिंकू की चालाकी- मुंबई की हलचल भरी सड़कों के बीच एक शरारती लड़का रहता था, जिसका नाम टिंकू था। टिंकू अपनी चालाकियों के लिए मशहूर था और हमेशा अपनी शरारतों से सबको परेशान करता था। एक दिन टिंकू की चालाकी ने उसे मुसीबत में डाल दिया, लेकिन इसके बाद जो हुआ, उसने उसे एक जरूरी सबक सिखाया। टिंकू एक दिन अपने दादाजी के पास बैठा था। दादाजी पुराने बक्से से कुछ निकाल रहे थे और उसमें रखे सिक्कों को ध्यान से देख रहे थे। टिंकू की नज़र उन चमचमाते सिक्कों पर पड़ी। उसके शरारती दिमाग में एक नई चालाकी का विचार आया। टिंकू ने दादाजी से पूछा, "दादाजी, ये सिक्के कितने पुराने और कीमती लग रहे हैं। क्या मैं इन्हें देख सकता हूँ?" दादाजी ने सिक्कों को टिंकू के हाथ में देते हुए कहा, "ठीक है, लेकिन इन्हें संभालकर रखना। ये पुराने सिक्के हैं, इन्हें खो मत देना।" टिंकू ने सिक्कों को अपनी जेब में डाला और सोचा, "अब मैं इन सिक्कों का उपयोग अपने दोस्तों के साथ चालाकी करने के लिए करूँगा।" टिंकू ने अपने दोस्तों को बुलाया और बोला, "देखो, मेरे पास बहुत पुराने और कीमती सिक्के हैं। ये सिक्के इतने खास हैं कि मैं इन्हें किसी के साथ नहीं बाँटता। लेकिन अगर तुम मुझे अपनी सबसे अच्छी टॉफ़ी दोगे, तो मैं तुम्हें ये सिक्के दे सकता हूँ।" दोस्तों ने सोचा कि टिंकू सही कह रहा है, और उन्होंने अपनी टॉफ़ी और चॉकलेट निकालकर टिंकू को दे दीं। टिंकू ने दोस्तों को सिक्के दिए और खुश होकर उनकी टॉफ़ी खाने लगा। लेकिन टिंकू ने जो किया, वो ज्यादा देर छुप नहीं सका। जब दोस्तों ने घर जाकर अपने माता-पिता को वे सिक्के दिखाए, तो उनके माता-पिता ने बताया कि ये सिक्के कोई खास या कीमती नहीं हैं, बल्कि साधारण सिक्के हैं। अब दोस्तों को समझ में आया कि टिंकू ने उनसे चालाकी की है और उनकी टॉफ़ी के बदले बेकार सिक्के दिए हैं। दोस्तों ने तय किया कि अब वे टिंकू को एक मजेदार सबक सिखाएँगे। उन्होंने मिलकर एक योजना बनाई और अगली सुबह टिंकू से मिलने के लिए पार्क में एकत्र हुए। अगली सुबह जब टिंकू अपने दोस्तों से मिलने पार्क पहुँचा, तो दोस्तों ने उससे कहा, "टिंकू, हमने सुना है कि तुम बहुत होशियार हो। अगर तुम हमारी चुनौती को पूरा कर सको, तो हम तुम्हें ढेर सारी टॉफ़ी देंगे।" टिंकू को टॉफ़ी का लालच हुआ और वह चुनौती के लिए तैयार हो गया। दोस्तों ने उसे कुछ मुश्किल सवाल पूछे, जो टिंकू के लिए बहुत कठिन थे। टिंकू सवालों का जवाब नहीं दे पाया और उलझन में पड़ गया। दोस्तों ने हंसते हुए कहा, "तुमने हमें बेकार सिक्के देकर धोखा दिया, इसलिए हमने तुम्हें इसी तरह से चुनौती दी। अब समझ आ गया कि चालाकी का अंजाम क्या होता है?" टिंकू ने अपनी गलती का एहसास किया और दोस्तों से माफी मांगी। उसने वादा किया कि वह अब किसी के साथ चालाकी नहीं करेगा और दादाजी के दिए हुए सिक्कों को संभालकर रखेगा। कहानी से सीख : इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि चालाकी और धोखे से कुछ हासिल नहीं होता। ईमानदारी और सच्चाई ही सबसे बड़ा गुण है। टिंकू ने समझा कि सच्ची दोस्ती और रिश्तों में चालाकी की जगह नहीं होती। यह भी पढ़ें:- सीख देती मजेदार कहानी: राजा और मधुमक्खी मजेदार हिंदी कहानी: आलसी राजू मजेदार हिंदी कहानी: घमण्डी राजा Fun Story: घमंडी ज़मींदार