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मज़ेदार कहानी - प्यारा सच - एक बार, जैष्ठदेवी (गरीबों की देवी) और लक्ष्मी जी (धन की देवी) के बीच यह चर्चा छिड़ गई कि कौन ज्यादा सुंदर है। यह विवाद इतना बढ़ गया कि दोनों इसे सुलझाने के लिए धरती पर एक व्यक्ति की राय लेना चाहती थीं। तभी उन्होंने देखा कि एक व्यापारी उनकी ओर आ रहा है। व्यापारी, जो अपने व्यापार और चतुराई के लिए जाना जाता था, उनके झगड़े का समाधान करने के लिए चुना गया।
व्यापारी की मुश्किल परिस्थिति
व्यापारी दोनों देवियों के सामने पहुंचा तो उसने खुद को एक मुश्किल स्थिति में पाया। उसे पता था कि अगर वह किसी एक देवी के पक्ष में बात करेगा तो दूसरी देवी उससे नाराज हो सकती है। लक्ष्मी जी का गुस्सा उसे उसके धन से वंचित कर सकता था, जबकि जैष्ठदेवी का गुस्सा उसे गरीबी में धकेल सकता था। वह अपनी स्थिति से बाहर निकलने का उपाय सोचने लगा।
व्यापारी की बुद्धिमानी
व्यापारी ने अपनी चतुराई का इस्तेमाल किया और दोनों देवियों से कहा, "हे देवी लक्ष्मी, आप धरती पर सबसे सुंदर हैं। आपकी सुंदरता की तुलना किसी से भी नहीं की जा सकती। हर कोई आपके दर्शन के लिए तरसता है। और हे जैष्ठदेवी, आपकी सुंदरता का तो कोई मोल ही नहीं है। आप अपनी महिमा और गरिमा में अद्वितीय हैं। आपकी उपस्थिति में हर कोई आपको आदर और सम्मान के साथ देखता है।"
व्यापारी की बात सुनकर दोनों देवियां मुस्कुरा उठीं। लक्ष्मी जी को यह सुनकर गर्व हुआ कि उनकी सुंदरता सर्वोच्च मानी गई, जबकि जैष्ठदेवी को यह सुनकर संतोष हुआ कि उनकी महिमा और गरिमा को कोई चुनौती नहीं दे सकता।
देवियों का आशीर्वाद
व्यापारी की चतुराई ने दोनों देवियों का दिल जीत लिया। लक्ष्मी जी ने उसे कहा, "तुमने मेरे सौंदर्य को सम्मान दिया है, इसलिए मैं तुम्हें धन-धान्य से परिपूर्ण कर दूंगी। तुम्हारे घर में कभी धन की कमी नहीं होगी।"
जैष्ठदेवी ने मुस्कुराते हुए कहा, "तुमने मेरी गरिमा को आदर दिया है, इसलिए मैं तुम्हारे घर में कभी अपना प्रभाव नहीं डालूंगी। तुम्हारे घर में गरीबी कभी नहीं आएगी।"
व्यापारी की जीत
दोनों देवियां अपने-अपने मार्ग पर चली गईं, लेकिन व्यापारी ने अपनी बुद्धिमानी से न केवल खुद को एक बड़ी मुसीबत से बचा लिया, बल्कि उनका आशीर्वाद भी पा लिया। उसने अपने परिवार और समाज को यह सिखाया कि हर समस्या का समाधान चतुराई और समझदारी से किया जा सकता है।
सीख
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि विवेक और चतुराई से किसी भी समस्या का हल निकाला जा सकता है। सही शब्दों का चयन और किसी का भी दिल न दुखाने की कला हर इंसान को सिखनी चाहिए।
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