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गोलू का अनोखा प्लान:- गोलू, एक नटखट और शरारती लड़का था, जो अपने दोस्तों के साथ हर दिन कुछ न कुछ मजेदार करने की सोचता रहता था। उसकी चंचलता और मजाकिया हरकतें पूरे मोहल्ले में मशहूर थीं। गोलू के साथ उसके दोस्त बबलू और पिंकी भी थे, जो हर शरारत में उसका साथ देते थे।
एक दिन, गोलू के दिमाग में एक मजेदार प्लान आया। उसने सोचा कि क्यों न आज अपने दोस्त बबलू को थोड़ा बेवकूफ बनाया जाए। गोलू ने पिंकी से कहा, "देखो, हम बबलू को एक ऐसी चाल में फंसाते हैं कि वह खुद ही अपनी गलतियों पर हंस पड़ेगा।"
बबलू को फंसाने की योजना
गोलू और पिंकी ने मिलकर एक चालाक योजना बनाई। उन्होंने बबलू को एक पुराने जादुई पत्थर की कहानी सुनाई, जो पास के जंगल में कहीं छिपा हुआ था। गोलू ने बबलू से कहा, "अगर तुम उस जादुई पत्थर को छू लोगे, तो तुम्हारे सारे सपने पूरे हो जाएंगे!"
बबलू थोड़ा डरपोक था, लेकिन गोलू और पिंकी की बातें सुनकर वह उत्साहित हो गया। उसने सोचा, "अगर ये सच में जादुई पत्थर है, तो मेरे सारे सपने पूरे हो सकते हैं।" फिर क्या था, बबलू गोलू और पिंकी के साथ जंगल की ओर चल पड़ा।
जंगल का सफर
जंगल पहुँचते ही गोलू ने अपनी योजना का दूसरा हिस्सा शुरू किया। उसने बबलू से कहा, "तुम्हें इस पत्थर को खोजने के लिए अपनी आंखें बंद करके चलना होगा, ताकि तुम्हें जादू का एहसास हो।" बबलू ने आंखें बंद कर लीं और गोलू ने उसे इधर-उधर घुमाने का नाटक किया।
गोलू और पिंकी ने बबलू को बार-बार एक ही पेड़ के चारों ओर घुमाया। हर बार बबलू यह सोचकर चलता रहा कि वह किसी नई जगह जा रहा है। पिंकी हंसी रोकने की कोशिश कर रही थी, लेकिन गोलू ने उसे इशारा किया कि चुप रहो, नहीं तो बबलू को शक हो जाएगा।
सच्चाई का खुलासा
आखिरकार गोलू ने बबलू को एक छोटा सा पत्थर थमाते हुए कहा, "लो, यही वह जादुई पत्थर है। अब तुम इसे अपनी जेब में रख लो और जो चाहो मांग लो।" बबलू ने खुशी-खुशी पत्थर को अपनी जेब में रखा और बोला, "मुझे सबसे बड़ा स्मार्टफोन चाहिए!"
लेकिन अचानक गोलू और पिंकी जोर-जोर से हंसने लगे। बबलू ने आंखें खोलीं और देखा कि वह उसी पेड़ के पास खड़ा है जहाँ से उसने यात्रा शुरू की थी। बबलू को अब समझ आया कि गोलू और पिंकी ने उसे बेवकूफ बनाया था। पहले तो वह थोड़ा नाराज हुआ, लेकिन फिर खुद ही अपनी बेवकूफी पर हंस पड़ा।
बबलू ने ली सीख:
बबलू ने हंसते हुए कहा, "अच्छा, तुम दोनों ने मुझे बेवकूफ बना दिया, लेकिन एक बात मैं समझ गया हूं कि हमें अपनी हर बात पर भरोसा नहीं करना चाहिए, बिना जांचे-परखे।" गोलू और पिंकी ने भी बबलू की बात से सहमति जताई। सभी ने मिलकर ठहाके लगाए और एक दूसरे के साथ और भी मस्ती करने का वादा किया।
कहानी से सीख:
इस कहानी से यह सिखाया जा सकता है कि हर बात पर बिना सोचे-समझे भरोसा नहीं करना चाहिए और कभी-कभी मजाक भी समझदारी से करना चाहिए ताकि किसी को बुरा न लगे।