मजेदार बाल कहानी - बेवकूफ साधू
एक बार देव शर्मा नाम का एक साधु हुआ करता था, जो शहर से दूर एक मंदिर में रहता था। वह लोगों के बीच काफी चर्चित और सम्मानित भी था। लोग उपहार, खाद्य सामग्री और पैसे लेकर उनसे मिलने और उनका आर्शीवाद लेने आते थे।
एक बार देव शर्मा नाम का एक साधु हुआ करता था, जो शहर से दूर एक मंदिर में रहता था। वह लोगों के बीच काफी चर्चित और सम्मानित भी था। लोग उपहार, खाद्य सामग्री और पैसे लेकर उनसे मिलने और उनका आर्शीवाद लेने आते थे।
आनंदपुर, एक हरा-भरा और खुशहाल शहर था, जहां लोग सुख-शांति के साथ रहते थे। इसी शहर में वीरू नाम का एक साहसी और मददगार लड़का था, जिसे सभी लोग पसंद करते थे।
गोपाल और शैतान चोर - एक समय की बात है, आनंदपुर नाम के एक खुशहाल राज्य में गोपाल नाम का एक होशियार और मजाकिया व्यक्ति रहता था। गोपाल राजा वीरेंद्र के दरबार का सलाहकार था
राजा मान सिंह का दरबार हमेशा ज्ञान और मनोरंजन का केंद्र रहता था। दरबार में सबसे चर्चित और सम्मानित व्यक्ति थे चतुर सिंह, जिनकी चतुराई और हाजिरजवाबी का हर कोई कायल था।
पप्पू एक बहुत ही शरारती और जिज्ञासु बच्चा था। उसे नई-नई चीज़ें इकट्ठा करने का बड़ा शौक था। एक दिन, वह अपने दादाजी के पुराने सामान के बीच कुछ ढूंढ रहा था।
चीटू एक नटखट और शरारती लड़का था। उसकी पेंटिंग क्लास में हमेशा सबको हंसी आती थी क्योंकि वह हर बार कुछ न कुछ गड़बड़ कर देता था। एक दिन, चीटू को एक पुरानी स्टेशनरी की दुकान में एक चमचमाती जादुई पेंसिल मिली।
यह कहानी राजा मानसिंह और उनकी महारानी के कीमती हार की है, जो अचानक गायब हो जाता है। राजा ने इसे ढूंढने की जिम्मेदारी अपने चतुर दरबारी, चतुर सिंह को दी। चतुर सिंह ने गधे की पूंछ पर इत्र लगाकर सभी सेवकों को उसे पकड़ने का निर्देश दिया।