बाल कहानी : राशि की भूख हड़ताल बाल कहानी : (Hindi Kids Story) राशि की भूख हड़ताल नहीं...नहीं...नहीं, जब तक ‘मेरा नया बस्ता नहीं आ जाता मैं खाना नहीं खाऊँगी राशि ने चीख कर कहा। ‘पर तुम्हें नये बस्ते की क्या जरूरत है, बेटी?’ माँ ने उसे समझाना चाहा, ‘तुम्हारा बस्ता तो बिल्कुल नया है, प्यारा सा’ उन्होंने बस्ता हाथ में लेकर कहा। By Lotpot 05 Dec 2020 | Updated On 05 Dec 2020 12:20 IST in Stories Moral Stories New Update बाल कहानी : (Hindi Kids Story) राशि की भूख हड़ताल नहीं...नहीं...नहीं, जब तक ‘मेरा नया बस्ता नहीं आ जाता मैं खाना नहीं खाऊँगी राशि ने चीख कर कहा। ‘पर तुम्हें नये बस्ते की क्या जरूरत है, बेटी?’ माँ ने उसे समझाना चाहा, ‘तुम्हारा बस्ता तो बिल्कुल नया है, प्यारा सा’ उन्होंने बस्ता हाथ में लेकर कहा। आप झूठ बोल रही हैं, ये आपके हाथ से बना हुआ रद्दी कपड़ों का बस्ता लेकर स्कूल जाते हुये भी मुझे शर्म आती है। हमारी कक्षा के बच्चे बाजार के बने बनाये सुन्दर बस्ते लेकर आते हैं। बस्ते की सुन्दरता नहीं टिकाऊपन को देखो, तुम्हारे बस्ते की सिलाई ऐसी है कि इस साल में इसका एक टांका भी नहीं उधड़ेगा, अगले साल हम तुम्हें एक नया बना बनाया बस्ता बाजार से ला देंगे। मैं कुछ नहीं जानती अगर कल तक मुझे नया बस्ता बाजार से लाकर नहीं दिया तो मैं पांच दिन तक खाना नहीं खाऊँगी, राशि पैर पटकती हुई अपने कमरे में चली गई उस शाम को पिताजी के कहने पर भी राशि ने खाना नहीं खाया। नया बस्ता तो 100 रूपये से कम का नहीं आयेगा बेटी, थक हार कर पिताजी बोले, मगर मैं कुछ ही दिनों में तुम्हें नया बस्ता ला दूंगा। कुछ दिनों में? मैं तो कल ही घर में नया बस्ता देखना चाहती हूँ। ठीक है, मैं कल ही कोशिश करूँगा। ‘कोशिश करूँगा’ राशि को लगा कि पिताजी उसे टाल रहे हैं। तो फिर कोशिश पूरी होने पर ही मैं खाना खाऊँगी। राशि दूसरी तरफ मंुह करके लेट गई। उसके पिता भी दुखी होकर चले गये। रात को भूख से राशि का बुरा हाल था। उसे अपने माता-पिता पर भी गुस्सा आ रहा था जो उसके लिये अभी तक खाना लेकर नहीं आये थे। चलो, पिताजी से पूछती हूँ, अगर वो पक्का वादा करेंगे। तो खाने में क्या हर्ज है? राशि ने एक बार सोचा मगर फिर रूक गई। कुछ ही देर में भूखों पेट राशि को नींद आ गई, सपने में राशि ने देखा उसका पेट उसके सामने खड़ा है और कह रहा है। ये रोज-रोज की भूख हड़ताल अच्छी नहीं है, राशि इसका सीधा असर मेरे ऊपर पड़ता हैं। मुझे तो अपनी बात मनवाने को कोई और तरीका नहीं नजर आता। मुझे समझ में नहीं आता कि तुम्हें रोज ही नई वस्तुओं की जरूरत कैसे पड़ने लगती है, तुम अच्छी तरह जानती हो कि तुम्हारे माता-पिता अमीर नहीं हैं। पहले ही तुम्हारी पढ़ाई का खर्च कम है क्या? पर मेरी भी कुछ जरूरते हैं अच्छा। पेट मुस्कराया’ अभी पिछली बार तुमने जिद करके मंहगा पेन मंगवाया था, क्या तुम्हारे पास पेन नहीं था, पर क्या तुमने मोहिनी और शालू का पेन नहीं देखा। कक्षा के कुछ अमीर बच्चों को छोड़ दो तो तुम पाओगे कि बाकी सबका पेन तुम्हारे पेन जैसा या थोड़ा-बहुत ही महंगा होगा। ये बात तो तुम्हारी ठीक है पर... अच्छा जरा बताओ तो तुम्हारी भूख हड़ताल से तुम्हारे माता-पिता को क्या नुकसान है? हूं.. कुछ भी नहीं राशि कुछ देर सोच कर बोली। फिर भी वो तुमसे खाना खा लेने का आग्रह करते हैं। जानती हो क्यों? और पढ़ें : जंगल कहानी : जंगल में स्कूल क्योंकि वो तुमसे प्यार करते है, तुम्हें भूखा नहीं देख सकते। तुम उनके प्यार का गलत फायदा उठा रही हो, राशि। हाँ मैं गलती कर रही हूँ। और अचानक राशि की नींद खुल गई। उसने देखा कि माता-पिताजी के कमरे की बत्ती अभी जल रही थी। मैं कल ही राशि का बस्ता ले आऊँगा, पिताजी माँ से कह रहे थे, एक महीना और बैंक पैदल चला जाऊँगा। अरे हाँ! राशि चैंक पड़ी, पिताजी तो इस महीने अपनी साईकिल लेने वाले थे, तो क्या पिताजी मेरी वजह से उसी समय एक दृढ़ निश्चय कर के राशि सो गई। माँ मेरा नाश्ता लाओ, अगले दिन राशि ने सुबह उठकर नहाने धोने के बाद स्वयं ही आवाज लगाई। और पढ़ें : जंगल कहानी : मारे डर के हुआ बुरा हाल तो तुम अब नाश्ता कर लोगी। माँ को अपने कानों पर विश्वास नहीं हुआ। मैं तो खाना भी खा लूंगी, माँ, राशि ने माँ के गले में बाँहे डालकर कहा, और मेरे लिए कोई नया बस्ता लाने की भी आवश्यकता नहीं हैं। पिताजी ने राशि में यह बदलाव देखा तो वह भी बहुत प्रसन्न हुये, माता-पिता दोनों ही राशि के नये रूप को देखकर हैरान थे। इसके बाद कभी भी राशि ने अपने माता-पिता के प्यार का गलत फायदा नहीं उठाया। Facebook Page और पढ़ें : जंगल कहानी: वनराज की अदालत #Bal kahani #Hindi Kids Story #Best Hindi Stories #Lotpot Bal Kahani You May Also like Read the Next Article