हिंदी प्रेरक कहानी: असली पूजा
Web Stories: धनिया एक गरीब बच्चा था। न उसके पास रहने को घर था और न पहनने को वस्त्र। दिन भर वह कालोनी के लोगों के छोटे-मोटे काम करता था और जो कुछ रूखा-सूखा मिलता था
Web Stories: धनिया एक गरीब बच्चा था। न उसके पास रहने को घर था और न पहनने को वस्त्र। दिन भर वह कालोनी के लोगों के छोटे-मोटे काम करता था और जो कुछ रूखा-सूखा मिलता था
Web Stories: सुधार की राह- अंकित बहुत ही शरारती और झगड़ालू लड़का था। पढ़ाई-लिखाई में उसका जरा भी मन नहीं लगता था। जब देखो, तब वह सबके साथ लड़ता-झगड़ता रहता।
पुराना साल बीत चुका था। नए वर्ष का प्रथम दिन था। विद्यालय में पहली घंटी अभी-अभी बज कर खामोश हुई थी। कक्षा में हर विद्यार्थी अपने-अपने सहपाठी से अपनी अनोखी बातें सुनाने को उत्सुक था।
सुधार की राह- अंकित बहुत ही शरारती और झगड़ालू लड़का था। पढ़ाई-लिखाई में उसका जरा भी मन नहीं लगता था। जब देखो, तब वह सबके साथ लड़ता-झगड़ता रहता।
धनिया एक गरीब बच्चा था। न उसके पास रहने को घर था और न पहनने को वस्त्र। दिन भर वह कालोनी के लोगों के छोटे-मोटे काम करता था और जो कुछ रूखा-सूखा मिलता था उसी से पेट भर लेता था।
एक समय की बात है, एक स्वार्थी आदमी था, उसे हर चीज़ खुद के लिए रखना पसंद था। वह अपनी चीज़ें किसी के साथ नहीं बांटता था, यहां तक कि वह अपनी चीज़ें अपने दोस्तों और गरीबों को भी नहीं देता था।
एक समय की बात है, एक चिड़िया पिंजरे में बंद थी और वह अपने व्यापारी मालिक के लिए गाती थी। व्यापारी उस चिड़िया की आवाज़ का इतना कायल था कि वह दिन रात उसका गाना सुनता था और खुश होकर उसे सोने के बर्तन में पानी देता था।
बाल कहानी : मुनीम और नौकर; करोड़ीमल लखनऊ के माने हुए सेठ थे। उद्धार व दानी होने के कारण सभी उनकी प्रशंसा करते थे। सेठ जी के यहाँ रामू नाम का एक नौकर और एक मुनीम काम करते थे। रामू एक मूर्ख किस्म का व्यक्ति था।
बाल कहानी : (Hindi Kids Story) राशि की भूख हड़ताल नहीं...नहीं...नहीं, जब तक ‘मेरा नया बस्ता नहीं आ जाता मैं खाना नहीं खाऊँगी राशि ने चीख कर कहा। ‘पर तुम्हें नये बस्ते की क्या जरूरत है, बेटी?’ माँ ने उसे समझाना चाहा, ‘तुम्हारा बस्ता तो बिल्कुल नया है, प्यारा सा’ उन्होंने बस्ता हाथ में लेकर कहा।