बाल कहानी : नया साल कैसे मनाया

पुराना साल बीत चुका था। नए वर्ष का प्रथम दिन था। विद्यालय में पहली घंटी अभी-अभी बज कर खामोश हुई थी। कक्षा में हर विद्यार्थी अपने-अपने सहपाठी से अपनी अनोखी बातें सुनाने को उत्सुक था।

By Lotpot
New Update
Children story How to celebrate New Year
Listen to this article
0.75x 1x 1.5x
00:00 / 00:00

बाल कहानी : नया साल कैसे मनाया - पुराना साल बीत चुका था। नए वर्ष का प्रथम दिन था। विद्यालय में पहली घंटी अभी-अभी बज कर खामोश हुई थी। कक्षा में हर विद्यार्थी अपने-अपने सहपाठी से अपनी अनोखी बातें सुनाने को उत्सुक था। तभी द्वार पर आहट हुई। रजिस्टर दबाए गुरूजी कक्षा में प्रवेश करते ही सब विद्यार्थी अदब से खड़े हो गए। सबने एक स्वर में गुरूजी को "साल मुबारक" कहा।

रजिस्टर में उपस्थिति दर्ज करने के बाद गुरूजी ने कक्षा का निरीक्षण करते हुए कहा, "आज मैं पढ़ाने से पहले तुम सबसे जानना चाहता हूं कि तुमने नया वर्ष कैसे मनाया। सभी अपने-अपने संस्मरण सुनाओ।"

विनय ने शुरू किया, "गुरूजी! मैंने तो नया वर्ष बड़े अनोखे ढंग से मनाया। रात 12 बजते ही मुहल्ले में बने पुराने साल के प्रतीक पुतले को जलाया। फिर मैंने कुछ पटाखे लेकर मंगल धोबी के गधे की दुम में बांध दिए और उसमें आग लगा दी। गधा हड़बड़ा कर पूरे मुहल्ले में दौड़ता रहा और लोग घबरा गए। इस तरह मैंने खूब मजे किए।"

विनय की बात सुनकर कक्षा में ठहाके गूंज उठे। गुरूजी ने मुस्कुराते हुए अनिल की ओर इशारा किया। अनिल ने कहा, "गुरूजी! मैं तो नया वर्ष शहर में नई फिल्म देखकर मनाया। ब्लैक में टिकट लेकर थिएटर में शो देखा। जैसे ही शो खत्म हुआ, नया वर्ष आ चुका था।"

इसके बाद विलास ने कहा, "गुरूजी, मैंने दोस्तों के साथ मकान की छत पर ड्रम बजाकर नाच-गाकर नया वर्ष मनाया। हालांकि, लोगों ने हमें मना किया, पर हमने किसी की परवाह नहीं की।"

Children story How to celebrate New Year

जब सभी छात्र अपने-अपने संस्मरण सुना चुके, तो अंत में माइकेल ने चुप्पी तोड़ी। उसने कहा, "गुरूजी, मैंने नया वर्ष अस्पताल में मनाया। मैं ताजे फूलों के गुलदस्ते, पौष्टिक फल और प्रेरणादायक पुस्तकें लेकर मरीजों के पास गया। उनसे बातचीत की, चुटकुले सुनाए, उनकी हंसी लौटाई। मैं पशु-पक्षियों की आवाजें निकालकर उनका मनोरंजन करता रहा। मैंने कुछ मरीजों को नचाया भी। इस दौरान डॉक्टर और नर्सें भी मुस्कुराने लगे। जाते समय एक वरिष्ठ डॉक्टर ने मुझे गले लगाकर कहा कि मैंने मनोवैज्ञानिक ढंग से मरीजों का हौसला बढ़ाया है।"

गुरूजी की आंखें छलछला उठीं। उन्होंने अपनी कलाई से घड़ी उतारकर माइकेल को पहनाते हुए कहा, "यह घड़ी मैंने उसी के लिए रखी थी, जिसका नया वर्ष मनाने का तरीका सबसे प्रेरणादायक होगा। बेटा, तुमने निराश लोगों में नई आशा और विश्वास जगाकर नया वर्ष सार्थक बना दिया।"

सारी कक्षा ने तालियां बजाकर माइकेल का स्वागत किया। तभी दूसरी घंटी बज गई।


सीख:

नया वर्ष केवल उत्सव और मनोरंजन का अवसर नहीं है। इसे उन लोगों के जीवन में नई आशा और खुशी लाने का माध्यम बनाना चाहिए, जो मुश्किलों से घिरे हैं। एक सार्थक काम करके न केवल दूसरों को खुशी दी जा सकती है, बल्कि खुद को भी आत्मिक संतुष्टि मिलती है।

और पढ़ें कहानी  (Hindi Story): 

क्रिसमस का असली संदेश: इंसानियत और सेवा की सीख

Motivational Story : पंखों से नहीं, हौसले से उड़ान होती है

सीख देती कहानी : सबसे कीमती माॅडल

Motivational Story - मनोहर की बुद्धिमानी

#Bal kahani #Bal Kahaniyan #Hindi Bal Kahaniya #Hindi Moral Stories #Bal Kahania #Lotpot Bal Kahania #Bal Kahania Lotpot #Hindi Bal Kahani #Lotpot Bal Kahani #Hindi Bal kahania #Bal Kahani Lotpot #Lotpot Ki Bal Kahania #Moral #Hindi Moral Story #Hindi Bal Kahaniyan #Best Hindi Bal kahani #hindi moral stories for kids #Bal Kahani in Hindi #majedaar bal kahani #bachon ki moral story #hindi moral kahani #bachon ki hindi moral story #bachon ki moral kahani #jungle bal kahani