Fun Facts: एक बार रक्तदान से बच सकती हैं तीन जिंदगियां

दुनिया में 5 लाख लोगों को हर दिन रक्त की ज़रूरत होती है और इनमें से 2 लाख जीवन की लड़ाई पर्याप्त रक्त की अनुपलब्धता के कारण हार जाते हैं। हालांकि विज्ञान की मदद से नयी तकनीक और दवाइयों का प्रयोग करके रोज़ लाखों लोगों की जान बचाई जाती है।

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एक बार रक्तदान से बच सकती हैं तीन जिंदगियां

Fun Facts एक बार रक्तदान से बच सकती हैं तीन जिंदगियां:- दुनिया में 5 लाख लोगों को हर दिन रक्त की ज़रूरत होती है और इनमें से 2 लाख जीवन की लड़ाई पर्याप्त रक्त की अनुपलब्धता के कारण हार जाते हैं। हालांकि विज्ञान की मदद से नयी तकनीक और दवाइयों का प्रयोग करके रोज़ लाखों लोगों की जान बचाई जाती है। लेकिन आज भी क्लीनिकल प्रक्रियाओं के माध्यम से मानव रक्त निर्माण करना संभव नहीं है। (Interesting Facts)

दुनिया भर में ब्लड बैंक रक्त के संग्रह के लिए स्वैच्छिक दानदाताओं पर निर्भर हैं। हाल ही के आंकड़ों के अनुसार अस्पतालों में मानव रक्त की ज़रूरत में विश्व स्तर पर वर्ष 2020 में 5 प्रतिशत तक की वृद्धि हो चुकी है और इस बढ़ती मांग को केवल स्वैच्छिक डोनर्स की संख्या में वृद्धि के द्वारा ही पूरा किया जा सकता है।

पीतपुरा ब्लड बैंक की मेडिकल डायरेक्टर डॉ. रीना सिंह कहती हैं कि भारतीय अस्पतालों में प्रति वर्ष खून की 4 करोड़ इकाइयों की आवश्यकता होती है लेकिन केवल 40 से 50 लाख इकाइयाँ एकत्रित हो पाती हैं। हर 2 सैकेंड में एक भारतीय को रक्त आधान की ज़रूरत होती है और इस ज़रूरत को पूरा करने के लिए प्रति दिन 38000 स्वैच्छिक डोनर्स की ज़रूरत है। (Interesting Facts)

Blood samples

देश में रक्तदान करने वाले व्यक्तियों की संख्याओं में वृद्धि न होने का एक मुख्य कारण यह है कि...

देश में रक्तदान करने वाले व्यक्तियों की संख्याओं में वृद्धि न होने का एक मुख्य कारण यह है कि रक्तदान को लेकर हमारे देश में कई गलत धारणाओं को बढ़ावा दिया जाता रहा है, जबकि सच हमारी सोच से कहीं अलग है। रक्त दान करने के लिए एक आदर्श व्यक्ति का शारीरिक वजन 45 किलो से अधिक होना चाहिए और व्यक्ति की उम्र 18 से 65 साल की होनी चाहिए। एक स्वस्थ व्यक्ति में लगभग 10 इकाइयों (5-6 लीटर) रक्त होता है। एक व्यक्ति हर 90 दिन में रक्त दान कर सकता है। रक्तदान के कारण शारीरिक कमजोरी नहीं होती है। हां, रक्तदान के बाद 4-5 घंटे के लिए भारी शारीरिक गतिविधि से परहेज ज़रूर किया जाए, तााकि शरीर से ली गई खून की भरपाई के लिए शरीर को पर्याप्त समय मिल जाए। (Interesting Facts)

जो लोग एड्स और हेपेटाइटिस जैसी बीमारियों से ग्रस्त हैं, उन्हें रक्तदान नहीं करना चाहिए। यदि किसी व्यक्ति ने किसी बीमारी के लिए टीकाकरण ले लिया है या कोई सर्जरी करवाई है या कैंसर, मधुमेह, ठंड और फ्लू से पीड़ित है तो रक्त दान करने से पहले उन्हें उनके स्वास्थ्य विशेषज्ञों से परामर्श करना चाहिए। केवल गर्भवती महिलाएं गर्भ अवस्था के दौरान रक्त दान नहीं कर सकतीं।

याद रखें रक्तदान से एक ओर जहां ज़रूरतमंद की जान बचती है, वहीं रक्तदान के बाद शरीर खून की कमी की भरपाई करने का काम करता है। रक्तदान से नई रक्त कोशिकाओं के उत्पादन में वृद्धि होती है और अच्छे स्वास्थ्य को बनाए रखने में भारी मदद मिलती है। साथ ही नियमित रूप से रक्तदान से स्वास्थ्य अच्छा बना रहता है, कैंसर और रक्तर्णकता (Haemoptysis) का खतरा भी कम होता है। यह पैंक्रियास और लीवर के नुकसान का खतरा कम करने में मदद करता है। हृदय स्वास्थ्य में सुधार लाता है और इससे मोटापा कम करने में मदद मिल सकती है। रक्तदान से शरीर में लोहे का अधिभार (हेमोक्रोमैटोसिस) की वजह से दिल और लीवर की बीमारियों के जोखिम को कम करने में लाभदायक है। (Interesting Facts)

Blood Donation

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