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एक अच्छी जंगल की कहानी- झूठा दोस्त:- एक खूबसूरत हरे जंगल में, एक हिरण और एक कौआ रहता था जो बहुत अच्छे दोस्त थे। उन्हें साथ खेलना, स्वादिष्ट खाना खाना और जंगल के सभी पौधों की खोज करना बहुत पसंद था। कौआ होशियार और तेज था, जबकि हिरण थोड़ा ज़्यादा भरोसा करने वाला था और हर किसी पर विश्वास करता था।
एक दिन, एक कौए ने एक हिरण को एक चालाक सियार के साथ घूमते देखा। सियार जंगल में अपनी चालाकी और छल के लिए मशहूर था। कौए ने तुरन्त हिरण को चेतावनी दी: "भाई हिरण, इस सियार पर भरोसा मत करना। यह भले ही दोस्त जैसा दिखता हो, लेकिन इसके इरादे हमेशा बुरे होते हैं।" हिरण ने कौए की बात नहीं सुनी। उसने कहा, "भाई कौए, तुम किसी पर भरोसा मत करो। यह सियार मेरा दोस्त है, और इसने अब तक मेरे साथ कुछ भी बुरा नहीं किया है।" यह सुनकर कौए की बोलती बंद हो गई, लेकिन उसे दुख हुआ क्योंकि उसे लगा कि उसका दोस्त मूर्खता कर रहा है। हिरण जाल में फंस गया। कुछ दिनों के बाद सियार ने एक योजना बनाई। उसने हिरण को एक खास जगह के बारे में बताया जहाँ बहुत सारी स्वादिष्ट हरी घास है। हिरण इस विचार से उत्साहित हो गया और उसने सियार का पीछा करने का फैसला किया। उसे एहसास नहीं हुआ कि सियार उसे धोखा देने की कोशिश कर रहा था। हिरण जब खेत में पहुँचा तो वह घास खाने में व्यस्त था। तभी अचानक किसान द्वारा बिछाया गया जाल उसके ऊपर गिर गया। हिरण उसमें बुरी तरह फंस गया। वह घबराकर चिल्लाने लगा, "गीदड़ भाई, मुझे बचा लो! मैं इस जाल में फँस गया हूँ।"
लेकिन गीदड़ हँसा और बोला, 'मेरे भोले मित्र, तुम मुझे क्यों बुला रहे हो? मैं जाकर किसान से कहूँगा कि वह तुम्हें मार दे और मुझे मांस का एक हिस्सा दे दे।'
कौए की समझदारी
यह सुनकर हिरण खूब रोया। उसकी आवाज़ कौए तक पहुँची। कौआ तुरंत उसकी मदद के लिए आया। उसने कहा: "हिरण भाई, मैं तुम्हारी मदद करूँगा। लेकिन जैसा मैं कहूँ वैसा करो।"
कौए ने एक योजना बनाई। उसने हिरण से कहा, "मरा हुआ दिखावा करो। किसान तुम्हें देखेगा और सोचेगा कि तुम मर गए हो। जैसे ही वह जाल खोलने आएगा, तुम भाग जाना।"
हिरण ने कौए के कहे अनुसार किया, ज़मीन पर लेट गया और अपनी साँस रोक ली। गीदड़ किसान को अपने पास ले आया और उसे हिरण दिखाने लगा। "किसान, देखो। यह हिरण मर चुका है। कृपया जाल खोलो और इसे ले जाओ।"
किसान ने गीदड़ की बात सुनी और जाल खोलना शुरू कर दिया। जैसे ही उसने ऐसा किया, हिरण उछल पड़ा और बहुत तेज़ी से भाग गया। किसान ने जब यह देखा तो वह बहुत क्रोधित हो गया, इसलिए उसने सियार को डंडे से मारा। सियार डर गया और तेज़ी से भाग गया।
हिरण ने कौवे से उसकी बात पर विश्वास न करने के लिए माफ़ी मांगी। उसे एहसास हुआ कि एक नकली दोस्त किसी भी असली दुश्मन से भी बदतर हो सकता है।
कहानी से सीख :
कहानी हमें सीखाती है कि यह जानना बहुत ज़रूरी है कि हमारे सच्चे दोस्त कौन हैं और वे क्या कहते हैं। नकली दोस्त हमें मुसीबत में डाल सकते हैं, लेकिन एक सच्चा दोस्त मुश्किल समय में हमारी मदद करता है।
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