खरगोश चिंटू और बंदर मोंटी की दोस्ती जंगल के एक हरे-भरे इलाके में खरगोश चिंटू और बंदर मोंटी रहते थे। दोनों अच्छे दोस्त थे और अक्सर मिलकर खेला करते थे। एक दिन चिंटू ने कहा, "मोंटी, क्यों न आज हम जंगल की गहरी जगह पर जाएँ और वहां कुछ नया खोजें?" By Lotpot 17 Oct 2024 in Jungle Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 जंगल के एक हरे-भरे इलाके में खरगोश चिंटू और बंदर मोंटी रहते थे। दोनों अच्छे दोस्त थे और अक्सर मिलकर खेला करते थे। एक दिन चिंटू ने कहा, "मोंटी, क्यों न आज हम जंगल की गहरी जगह पर जाएँ और वहां कुछ नया खोजें?" मोंटी ने मुस्कराते हुए कहा, "यह तो मजेदार रहेगा, चलो चलते हैं!" दोनों दोस्त जंगल में गहराई तक चलते गए। चलते-चलते उन्हें एक बड़ी झील मिली। झील देखकर मोंटी की आँखों में चमक आ गई, "वाह! चलो झील में पत्थर फेंकते हैं और देखते हैं कि किसका पत्थर सबसे दूर जाता है।" जैसे ही मोंटी ने पहला पत्थर फेंका, झील के पास आराम कर रहे एक मोटे हाथी ने आवाज दी, "अरे बच्चों, शांति से खेलो। तुम्हारे पत्थरों से झील का पानी हिल जाता है और मुझे आराम नहीं मिलता।" चिंटू ने विनम्रता से कहा, "माफ कीजिए, हाथी अंकल। हम ध्यान रखेंगे कि आपकी शांति भंग न हो।" थोड़ी देर बाद, मोंटी ने झील के पास झाड़ियों में एक छाया देखी। डरते हुए उसने चिंटू से कहा, "मुझे ऐसा लग रहा है कि वहाँ कोई है।" चिंटू ने हिम्मत दिखाते हुए कहा, "कोई बात नहीं, हम दोनों मिलकर देख लेंगे। साथ हैं तो हमें डरने की ज़रूरत नहीं।" जब दोनों झाड़ियों के पास पहुँचे, तो उन्होंने देखा कि वहाँ एक घायल हिरण पड़ा था। हिरण की हालत देखकर दोनों को दुख हुआ। चिंटू ने कहा, "हमें इसकी मदद करनी चाहिए। दोस्ती का असली मतलब यही है कि हम एक-दूसरे के काम आएँ।" मोंटी ने सहमति में सिर हिलाया, "तुम ठीक कह रहे हो, दोस्त। लेकिन हम इसकी मदद कैसे करें?" चिंटू ने तुरंत एक तरकीब सुझाई, "मैं पास की नदी से पानी लेकर आता हूँ। तुम यहाँ रुको और इसे शांत रखो।" मोंटी ने हिरण के पास बैठकर उसे दिलासा दिया, "डरने की कोई बात नहीं है, हम तुम्हारे साथ हैं।" कुछ ही देर में चिंटू पानी लेकर आया और हिरण को पिलाया। थोड़ी ही देर में हिरण की हालत बेहतर होने लगी। हाथी, जो यह सब देख रहा था, उसके चेहरे पर मुस्कान आ गई। उसने कहा, "तुम दोनों ने आज सच्ची दोस्ती का सबक दिया है।" हिरण ने आभार व्यक्त करते हुए कहा, "धन्यवाद, दोस्तों! मैं आपका यह उपकार कभी नहीं भूलूँगा। आप दोनों सच्चे दोस्त हैं।" इस घटना के बाद, जंगल में सभी जानवर चिंटू और मोंटी की दोस्ती और उनकी मदद करने की भावना की तारीफ करने लगे। सीख:इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्चा मित्र वही होता है जो मुसीबत के समय में साथ खड़ा रहे। दोस्ती का असली मतलब एक-दूसरे की मदद करना और मुश्किल समय में साथ देना है। ये जंगल कहानी भी पढ़ें : अहंकार और विनम्रता का संघर्ष: जंगल की कहानीजंगल कहानी : गहरे जंगल का जादूमज़ेदार कहानी - जंगल की रोमांचक दौड़Jungle Story : दोस्त की मदद #Best Jungle Stories #best hindi jungle story #bachon ki jungle kahani You May Also like Read the Next Article