भोली चुहिया और चालाक बिल्ली भोली चुहिया कमरे के एक कोने में अपने चार बच्चों के साथ बैठी थी। बच्चे अभी केवल एक दिन के ही थे इसलिए मम्मी चुहिया उन पर बहुत ध्यान दे रही थी। By Lotpot 13 Nov 2024 in Jungle Stories Moral Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 भोली चुहिया और चालाक बिल्ली :- भोली चुहिया कमरे के एक कोने में अपने चार बच्चों के साथ बैठी थी। बच्चे अभी केवल एक दिन के ही थे इसलिए मम्मी चुहिया उन पर बहुत ध्यान दे रही थी। अचानक गेट पर एक बिल्ली दिखाई दी। मम्मी चुहिया डर गई लेकिन बिल्ली बच्चों की तरफ नहीं बढ़ी। चुहिया ने तो सोचा था कि बिल्ली उसके बच्चों पर आक्रमण करेगी परन्तु ऐसा नहीं हुआ। बिल्ली बड़े धीमें से बोली, ‘सुना है यहां कुछ बहुत सुंदर बच्चे हुए हैं। मैं उन्हें देखने और आशीर्वाद देने आई हूं। मैं अब बहुत बूढ़ी हो गई हूं और मैंने अपनी पुरानी आदतें छोड़ दी हैं। मै अब शुद्ध शाकाहारी हो गई हूं और मैं सिर्फ दूध, फल और सब्जी ही खाती हूं। तुम्हें मुझसे डरने की जरूरत नहीं है। मैं तुमसे दूर ही रहूंगी। ऐसा कह कर वह कमरे से बाहर चली गई। यह सुन कर चुहिया की जान में जान आई और वह अपने बच्चे लेकर अपने बिल में चली गई। अगले कुछ दिनों तक ऐसा ही बार-बार होता रहा। अब चुहिया को विश्वास हो गया कि सचमुच बिल्ली का हृदय परिवर्तन हो गया है। हर रोज सुबह जब बिल्ली आती तो चुहिया अपने बच्चों को बाहर ले आती। बिल्ली उनको देखती रहती और कुछ देर बाद बाहर चली जाती। चुहिया के बच्चे बड़े हो गये थे और उन्होंने चलना-फिरना भी शुरू कर दिया था। चुहिया अभी भी जी-जान से उनकी देखभाल करती और उन पर निगाह रखती थी। रोज की तरह एक दिन बिल्ली आई चुहियां से बोली, ‘यहां पास ही अनाज का बड़ा गोदाम है मैं तो कहती हूं कि तुम वहां जा कर अपने बच्चों के लिए कुछ अनाज ले आओ। लेकिन ध्यान रखना गली में एक कुत्ता तुम्हारे बच्चों पर नजरें गड़ाए हुए है। अगर तुम गोदाम जा कर अनाज लाना चाहती हो तो मैं यहीं रह कर तुम्हारे बच्चों का ध्यान रखूंगी ताकि उन्हें कोई नुकसान न पहुंचे।’ चुहिया यह सुन कर अशवस्त हो गयी और कुछ देर के लिए कमरे से बाहर चली गई। कुछ देर बाद जब वह वापस आई तो उसने देखा कि बिल्ली उसके बच्चों को खा गई है। वह रोने लगी। तभी एक बूढ़ा चूहा आया और उसे रोता देखकर उसके रोने का कारण पूछने लगा। जब चुहिया ने उसे सारी बात बताई तो बूढ़ा चूहा बोला, ‘एक बिल्ली और चूहा कभी मित्र नहीं बन सकते। वे तो जन्म-जन्म के दुश्मन हैं। तुमने प्रकृति के नियम को ध्यान में नही रखा। अब तुम्हें अपनी लापरवाही का नतीजा तो भुगतना ही पड़ेगा। ‘चुहिया ने अपने बच्चे खोने के बाद एक सीख ले ली थी। कभी भी अपने दुश्मन पर भरोसा नहीं करना चाहिए। अगर दुश्मन मीठी बोली बोल रहा है तो मुमकिन है कि वो तुम्हे धोखा दे कर निशस्त्र करना चाहता है सीख: "दुश्मन चाहे जितनी भी मीठी बातें क्यों न करे, उस पर कभी भी आँख मूंदकर भरोसा नहीं करना चाहिए। मीठी बातें अक्सर छल और धोखे का जाल होती हैं, जो हमें कमजोर बना सकती हैं। सतर्क रहना ही समझदारी है, क्योंकि सच्चे दुश्मन अपने स्वभाव को आसानी से नहीं बदलते।" ये जंगल कहानी भी पढ़ें : अहंकार और विनम्रता का संघर्ष: जंगल की कहानीजंगल कहानी : गहरे जंगल का जादूमज़ेदार कहानी - जंगल की रोमांचक दौड़Jungle Story : दोस्त की मदद #choti jungle kahani #Best Jungle Story #jungle kahani in hindi #hindi jungle kahani #bachon ki jungle kahani #Jungle Kahania #Jungle Kahani #bachon ki hindi jungle kahani #majedar jungle kahani #Best Jungle Stories #best jungle story in hindi You May Also like Read the Next Article