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जंगल की कहानी - बबलू बंदर का पछतावा- लोटपोट जंगल वन में एक मोरी नाम का एक सुंदर मोर और बबलू नाम का एक मज़ेदार बंदर था। वे बचपन से ही दोस्त थे, लेकिन वे एक-दूसरे से बहुत अलग थे। मोरी को नाचना और अपने रंग-बिरंगे पंख दिखाना बहुत पसंद था, जिससे सभी जानवर उसकी प्रशंसा करते थे। बबलू अपनी चंचल छलांग और चालों के लिए जाना जाता था, लेकिन कभी-कभी उसे लगता था कि मोरी को उससे ज़्यादा ध्यान मिल रहा है।
एक दिन, जंगल में एक बड़ी पार्टी थी और सभी जानवर इकट्ठे हुए। मोरी ने अपने खूबसूरत पंखों के साथ अपना नृत्य किया और सभी ने तालियाँ बजाईं। सभी ने मोरी की प्रशंसा की और इससे बबलू को थोड़ी जलन हुई। उसने सोचा, "हर कोई मोरी को पसंद करता है, लेकिन कोई भी मुझ पर विशेष ध्यान नहीं देता। अगर मैं उसकी तरह आकर्षित हो पाता, तो हर कोई मेरा भी सम्मान करता।" बबलू गुस्से में मोरी से कहने लगा: "तुम्हारे पंख बहुत सुंदर हैं, मैं बिल्कुल सामान्य हूँ। तुम्हारे अलावा कोई मेरी तरफ नहीं देखता।"
मोरी ने समझाने की कोशिश की, "बबलू, हम दोनों में अपनी खूबियाँ हैं। जंगल में मौज-मस्ती तुम्हारे बिना अधूरी रहेगी। तुम्हारी उछल-कूद और शरारतें सभी को खुश कर देती हैं।"
बबलू को मोरी से बहुत जलन हो रही थी, इसलिए उसने उससे दूर रहने का फैसला किया। वह मोरी से बेहतर बनना चाहता था, इसलिए उसने पेड़ों पर ऊँचे-ऊँचे कूदने और दूसरे जानवरों को अपनी चालें दिखाने का अभ्यास किया। लेकिन जल्द ही, बबलू ने महसूस किया कि उसे पहले जितना मज़ा नहीं आ रहा था। वह अकेला महसूस करने लगा और उसे लगा कि उसे मोरी की बहुत याद आती है।
कुछ दिनों के बाद, बबलू को एहसास हुआ कि ईर्ष्या ने उसे उसके सबसे अच्छे दोस्त से अलग कर दिया है। एक दिन, वह मोरी के पास गया, अपनी गलती स्वीकार की और कहा, "मोरी, मुझे माफ़ कर दो। मुझे तुम्हारी खूबसूरती से जलन हो रही थी, लेकिन अब मुझे एहसास हुआ है कि हमारी दोस्ती सबसे कीमती चीज़ है।"
मोरी ने मुस्कुराते हुए बबलू को गले लगाया और कहा, "बबलू, सच्चे दोस्त कभी एक-दूसरे से ईर्ष्या नहीं करते, बल्कि एक-दूसरे की खुशी में खुश होते हैं। आओ, अब हम साथ मिलकर कुछ ऐसा करें जिससे हमारी दोस्ती पूरे जंगल में एक मिसाल बन जाए।"
एक दिन बबलू और मोरी ने जंगल में डांस पार्टी करने का फैसला किया। बबलू ने अपनी मजेदार छलांगों से सभी को हंसाया और मोरी ने अपने पंखों से शानदार नृत्य किया। उन्होंने इतना मज़ा किया कि सभी जानवर उनके लिए ताली बजाने लगे। उनकी दोस्ती देखकर बाकी सभी जानवर भी खुश हो गए और बबलू और मोरी की दोस्ती और भी मजबूत हो गई।
कहानी से सीख:
इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि ईर्ष्या से दोस्ती कमजोर होती है, और दोस्ती में सच्ची खुशी तब होती है जब हम अपने दोस्तों की सफलता में खुश होते हैं। दोस्ती का असली अर्थ एक-दूसरे की खुशियों में खुश रहना और एक-दूसरे का साथ देना है।