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जंगल का जीवन अपने आप में रोमांचक और अनोखा होता है। यहां हर दिन कुछ नया होता है, और हर जानवर को अपने जीवन के लिए संघर्ष करना पड़ता है। इस कहानी में, हम एक छोटे से तोते मिट्ठू की बुद्धिमानी और समझदारी के बारे में जानेंगे, जिसने न केवल अपनी बल्कि अपने दोस्तों की भी जान बचाई।
जंगल के बीचों-बीच एक बड़ा और घना पेड़ था। इस पेड़ पर मिट्ठू नाम का एक छोटा सा तोता रहता था। मिट्ठू बहुत चतुर और समझदार था। वह हमेशा अपने दोस्तों के साथ खेलता और हँसी-मजाक करता। उसके सबसे करीबी दोस्त थे, चंचल खरगोश चिंपू और शरारती बंदर गोलू।
मिट्ठू: (उड़ते हुए) "अरे चिंपू! गोलू! चलो, आज हम नदी किनारे चलते हैं। वहाँ बहुत सारे मीठे फल गिरते हैं।"
चिंपू: (उत्साहित होकर) "हाँ, चलो! मैं तो सबसे ज्यादा आम खाऊंगा।"
गोलू: (हंसते हुए) "और मैं नारियल तोड़ूंगा! लेकिन ध्यान रखना, वहाँ शिकारी भी आ सकते हैं।"
तीनों दोस्त खुशी-खुशी नदी की ओर चल पड़े। रास्ते में वे गाते, नाचते और खूब मस्ती कर रहे थे। लेकिन जैसे ही वे नदी के पास पहुंचे, मिट्ठू की तेज नजरों ने शिकारी के जाल को देख लिया।
मिट्ठू: (चौंकते हुए) "रुको! यहाँ कुछ तो गड़बड़ है। देखो, वहाँ एक जाल बिछा हुआ है।"
चिंपू: (डरते हुए) "ओह! ये तो खतरनाक है। हमें क्या करना चाहिए?"
गोलू: (चिंतित होकर) "अगर हमने जरा सी भी गलती की, तो हम सभी फंस सकते हैं।"
मिट्ठू ने सोचा और एक योजना बनाई। उसने चिंपू और गोलू से कहा, "तुम दोनों यहीं रुको। मैं एक योजना लेकर आता हूँ।"
मिट्ठू जल्दी से आस-पास के पेड़ों के नीचे पड़े सूखे पत्तों और टहनियों को इकट्ठा करने लगा। फिर उसने उन पत्तों को जाल के ऊपर सावधानीपूर्वक रख दिया, ताकि शिकारी को लगे कि जाल खाली है।
मिट्ठू: (हंसते हुए) "अब हम शिकारी को बेवकूफ बनाएंगे! जैसे ही वह यहाँ आएगा, वह खुद इस जाल में फंस जाएगा।"
तीनों दोस्त पेड़ के पीछे छिपकर इंतजार करने लगे। थोड़ी देर बाद, शिकारी आया और जैसे ही उसने जाल पर पैर रखा, वह खुद उसमें फंस गया।
शिकारी: (चिल्लाते हुए) "अरे! ये क्या हुआ? मैं खुद जाल में फंस गया!"
मिट्ठू, चिंपू, और गोलू खुशी से उछल पड़े। उन्होंने अपनी चतुराई से शिकारी को मात दे दी थी। वे तेजी से वहां से भाग निकले और जंगल के सभी जानवरों को यह कहानी सुनाई।
इस जंगल कहानी से सीख:
मिट्ठू की इस समझदारी भरी कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि मुसीबत के समय घबराने की बजाय समझदारी और धैर्य से काम लेना चाहिए। बुद्धिमानी और समझदारी से हर कठिनाई का हल निकाला जा सकता है।