जंगल की कहानी चतुर सियार की चाल

एक जंगल में एक भालू रहता था, जिसकी गुफा बहुत सुंदर और हवादार थी। ऊँचाई पर स्थित होने के कारण इसमें बरसात का पानी भी नहीं भरता था। सभी जानवर उसकी गुफा की प्रशंसा करते थे।

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Jungle Story Tricks of the Clever Jackal
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चतुर सियार की चाल - एक जंगल में एक भालू रहता था, जिसकी गुफा बहुत सुंदर और हवादार थी। ऊँचाई पर स्थित होने के कारण इसमें बरसात का पानी भी नहीं भरता था। सभी जानवर उसकी गुफा की प्रशंसा करते थे। कुछ समय बाद, भालू की नानी का निधन हो गया, जिससे उसे अपने परिवार की देखभाल के लिए दूसरे वन में जाना पड़ा। भालू की गुफा खाली हो गई, और इसकी जानकारी जंगल के अन्य जानवरों को मिली।

राजा शेर ने अपनी रानी से कहा, "हमारी गुफा अच्छी है, पर बरसात में थोड़ा पानी भर जाता है। क्यों न भालू की गुफा में जाकर रहा जाए?" दूसरी ओर, भेड़िया भी सोच रहा था कि सर्दियों में उसकी गुफा में धूप नहीं आती, इसलिए भालू की गुफा बेहतर रहेगी। वहीं, चीते को भी हरियाली की कमी महसूस होती थी, इसलिए उसने भी वहाँ रहने का मन बनाया।

भट्टू सियार और उसकी पत्नी चन्नो ने इन सभी की बातें सुन लीं। भट्टू ने चन्नो से कहा, "ये सब यहाँ रहना चाहते हैं जबकि इनके पास पहले से ही घर हैं। हम बेघर हैं, इसलिए इस गुफा पर हमारा हक होना चाहिए।" चन्नो ने कहा, "इनसे उलझने से कोई फायदा नहीं, ये हमसे ताकतवर हैं।" परंतु भट्टू ने योजना बनाई और चन्नो को समझा दिया। फिर दोनों गुफा की सफाई करने लगे।

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थोड़ी देर बाद भेड़िया अपना सामान लेकर आया और उन्हें हटने को कहा। भट्टू ने आदर से कहा, "क्षमा करें, हम तो सिर्फ सफाई कर रहे हैं। अभी-अभी चीता जी आए थे और बोले थे कि वे यहाँ रहेंगे। उन्होंने हमें आदेश दिया कि यदि कोई और आए तो उनका नाम बताना, ताकि वो उसे सबक सिखा सकें।" यह सुनकर भेड़िया डर गया और दुम दबाकर भाग गया।

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इसके बाद चीता आया तो चन्नो ने डर का अभिनय करते हुए कहा, "शेर राजा इस गुफा में रहने का विचार कर रहे हैं और वे बहुत भूखे हैं। उन्होंने हमें आदेश दिया है कि यदि कोई यहाँ आए तो उसे रोकें।" चीता यह सुनकर घबराकर भाग गया।

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अब केवल शेर राजा ही बचे थे। जैसे ही शेर गुफा के पास पहुंचे, भट्टू ने चन्नो को इशारा किया और वह जोर से बोली, "सुनते हो, महाराज शेर इस पुरानी गुफा में रहना चाहते हैं!" इस पर भट्टू ने कहा, "राजा ऐसे पुराने मकान में नहीं रहते। ये तो सेवकों को दान में देने योग्य हैं।" अपने बारे में ऐसी बातें सुनकर शेर को शर्मिंदगी हुई और वे वहाँ से चले गए।

जैसे ही सभी जानवर चले गए, भट्टू और चन्नो ने चैन की साँस ली और खुशी-खुशी भालू की गुफा में रहने लगे।

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