Jungle Story : लोमड़ी और बकरी की समझदारी एक समय की बात है, एक हरे-भरे जंगल में एक कुंआ था। इस कुएं के पास एक बकरी और एक लोमड़ी अक्सर मिलते-जुलते थे। बकरी का नाम था पिंकी और लोमड़ी का नाम था मीरा। By Lotpot 22 Oct 2024 in Jungle Stories Moral Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 एक समय की बात है, एक हरे-भरे जंगल में एक कुंआ था। इस कुएं के पास एक बकरी और एक लोमड़ी अक्सर मिलते-जुलते थे। बकरी का नाम था पिंकी और लोमड़ी का नाम था मीरा। एक दिन मीरा ने सोचा कि क्यों न पानी पीने के लिए कुएं में जाएं। वह कुंए के पास गई, लेकिन ध्यान से नहीं देख पाने के कारण वह सीधे कुएं में कूद गई। जब उसने अंदर देखा, तो वह समझ गई कि अब वह बाहर नहीं निकल सकती। उसने जोर से चिल्लाना शुरू किया, "प्लीज! कोई मुझे बचाओ! मैं कुएं में फँस गई हूँ!" थोड़ी देर बाद, पिंकी वहाँ पहुँची और मीरा की आवाज सुनकर तुरंत समझ गई कि कुछ गड़बड़ है। पिंकी ने पूछा, "मीरा, तुम यहाँ क्या कर रही हो?" मीरा ने कहा, "मैंने पानी पीने के लिए कुएं में छलांग लगाई थी, लेकिन अब मैं बाहर नहीं निकल पा रही हूँ।" पिंकी ने कहा, "मैं तुम्हारी मदद करना चाहती हूँ, लेकिन पहले तुम्हें यह बताना होगा कि तुमने इतनी बड़ी गलती क्यों की।" मीरा ने झिझकते हुए कहा, "मुझे लगा कि मैं बहुत चालाक हूँ और जल्दी से पानी पी लूँगी।" पिंकी ने समझाया, "जब हम बिना सोचे-समझे काम करते हैं, तो कभी-कभी परेशानी में पड़ सकते हैं। हमें हमेशा सोच-समझकर कदम उठाना चाहिए।" फिर पिंकी ने एक योजना बनाई। उसने कहा, "तुम रुको जरा मैं कुछ करती हूँ, यह कह कर पिंकी बकरी जंगल की तरह चल दी। थोड़ी देर बाद जब वह लौटी तो उसके मुंह में एक पेड़ की बेल थी, और साथ में थे कमलू हाथी दादा, पहले उसने वह बेल का एक सिरा कुएं के पास वाले पेड़ के पास कर घूम घूम कर बाँध दी, और दूसरा सिरा कुएं में डाल दिया। पिंकी बकरी बोली, "मीरा तुम इससे अपने इससे अपने चारों तरफ घुमा घुमाकर लपेट लो, ताकि कमलू हाथी दादा जब अपनी सूंड से ये बेल खीचेंगे तो तुम ऊपर आ जाओगी। पिंकी ने ठीक वैसा ही किया और फिर किया था कमलू हाथी दादा ने अपनी सूंड की ताकत से पिंकी को ऊपर खींच लिया । बाहर आकर मीरा ने कहा, "धन्यवाद, पिंकी और कमलू हाथी दादा! आप दोनों ने मेरी जान बचाई। अब मैं समझ गई हूँ कि बिना सोचे-समझे काम करना कितना खतरनाक हो सकता है। " पिंकी ने मुस्कुराते हुए कहा, "सही कहा। हमें हमेशा अपनी सुरक्षा का ध्यान रखना चाहिए और सोच-समझकर ही कदम उठाना चाहिए।" सीखइस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि हमेशा सोच-समझकर काम करना चाहिए। चालाकी से किसी भी स्थिति को हल करने के लिए हमें अपनी बुद्धिमत्ता का उपयोग करना चाहिए। दोस्ती और एकता से हम मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति को भी पार कर सकते हैं। ये जंगल कहानी भी पढ़ें : अहंकार और विनम्रता का संघर्ष: जंगल की कहानीजंगल कहानी : गहरे जंगल का जादूमज़ेदार कहानी - जंगल की रोमांचक दौड़Jungle Story : दोस्त की मदद #Best Jungle Stories #best hindi jungle story #bachon ki jungle kahani #Jungle Story #Hindi Jungle Story #Best Jungle Story #Jungle Kahani #best hindi jungle story #choti jungle story You May Also like Read the Next Article