जंगल के राजा की परीक्षा: सच्ची बहादुरी की जीत जंगल के बीचो-बीच एक बड़ा राजा शेर रहता था, जिसका नाम था सिंघम। सिंघम शेर बहुत समझदार और ताकतवर था, लेकिन वह अब बूढ़ा हो चुका था। उसने सोचा कि अब समय आ गया है कि वह किसी नए और योग्य जानवर को जंगल का राजा चुने। By Lotpot 15 Nov 2024 in Jungle Stories Moral Stories New Update Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 जंगल के बीचो-बीच एक बड़ा राजा शेर रहता था, जिसका नाम था सिंघम। सिंघम शेर बहुत समझदार और ताकतवर था, लेकिन वह अब बूढ़ा हो चुका था। उसने सोचा कि अब समय आ गया है कि वह किसी नए और योग्य जानवर को जंगल का राजा चुने। इसलिए उसने पूरे जंगल में घोषणा की, "मैं अब राजा की गद्दी छोड़ना चाहता हूँ। जो भी इस जंगल का राजा बनना चाहता है, उसे एक कठिन परीक्षा से गुजरना होगा।" जंगल की घोषणा सिंघम की घोषणा सुनकर जंगल के सभी जानवर उत्साहित हो गए। खरगोश चीकू, लोमड़ी फुर्तीली, हाथी गजराज, और बंदर गोलू सभी ने राजा बनने की इच्छा जताई। लेकिन सिंघम ने उन्हें बताया कि यह आसान नहीं होगा। उन्हें जंगल की सबसे खतरनाक जगह, डरावनी गुफा में जाकर एक विशेष फूल लाना होगा, जिसे बहादुरी का फूल कहा जाता है। वह फूल ही साबित करेगा कि कौन सबसे बहादुर है। साहस की परीक्षा सबसे पहले लोमड़ी फुर्तीली आगे आई। उसने कहा, "मैं तो बहुत चालाक हूँ, यह परीक्षा मेरे लिए आसान है।" लेकिन जैसे ही वह डरावनी गुफा के पास पहुंची, उसने अंदर की अंधेरी आवाजें सुनीं और डर के मारे वापस भाग गई। फिर आया हाथी गजराज। उसने कहा, "मैं सबसे ताकतवर हूँ, कोई भी मुझे नहीं रोक सकता।" लेकिन गुफा के पास जाते ही उसे अंदर की संकरी जगह देखकर डर लगने लगा और वह भी लौट आया। बंदर गोलू ने कहा, "मैं तो बहुत नटखट और तेज हूँ, मुझे कोई नहीं हरा सकता।" लेकिन जैसे ही वह गुफा में घुसा, उसे अंदर से एक डरावनी चीख सुनाई दी और वह भी भाग खड़ा हुआ। खरगोश चीकू की हिम्मत अंत में आया छोटा-सा खरगोश चीकू। सभी जानवरों ने उसका मजाक उड़ाया और कहा, "तुम इतने छोटे हो, तुम क्या कर पाओगे?" लेकिन चीकू ने हार नहीं मानी। उसने हिम्मत जुटाई और कहा, "मैं जरूर कोशिश करूंगा, क्योंकि सच्ची बहादुरी कोशिश करने में है, न कि हार मानने में।" चीकू डरते-डरते गुफा में घुसा। अंदर घना अंधेरा था और भयानक आवाजें आ रही थीं। लेकिन चीकू ने खुद को शांत रखा और आगे बढ़ता रहा। अचानक, उसके सामने एक बड़ा सांप आ गया। सांप ने पूछा, "तुम यहां क्या कर रहे हो, छोटे खरगोश?" चीकू ने साहस से कहा, "मैं बहादुरी का फूल लेने आया हूँ, ताकि जंगल का नया राजा बन सकूं। मैं डरता नहीं हूँ, क्योंकि मुझे अपने जंगल के लिए अच्छा करना है।" सांप ने चीकू की सच्ची बहादुरी देखी और उसे रास्ता दे दिया। सच्ची बहादुरी की जीत चीकू ने बहादुरी का फूल तोड़ लिया और गुफा से बाहर निकल आया। सभी जानवर उसे देखकर हैरान थे। उन्होंने कभी सोचा भी नहीं था कि छोटा-सा खरगोश यह कठिन परीक्षा पास कर सकता है। सिंघम शेर ने चीकू को अपने पास बुलाया और कहा, "तुमने साबित कर दिया कि सच्चा राजा वही होता है जो डर के आगे हार नहीं मानता। तुम छोटे जरूर हो, लेकिन तुम्हारी बहादुरी सबसे बड़ी है। आज से तुम इस जंगल के नए राजा हो।" कहानी का सबक इस कहानी से हमें यह सीख मिलती है कि सच्ची बहादुरी सिर्फ ताकत या चालाकी में नहीं होती, बल्कि यह हमारे दिल में होती है। अगर हम सच्चे दिल से किसी चीज को पाना चाहते हैं और डर का सामना करते हैं, तो कोई भी मुश्किल हमें रोक नहीं सकती। "जंगल के राजा की परीक्षा" ने साबित कर दिया कि राजा वही बनता है, जो डर से नहीं डरता और सच्चे दिल से अपने काम को अंजाम देता है। ये जंगल कहानी भी पढ़ें : अहंकार और विनम्रता का संघर्ष: जंगल की कहानीजंगल कहानी : गहरे जंगल का जादूमज़ेदार कहानी - जंगल की रोमांचक दौड़Jungle Story : दोस्त की मदद #Best Jungle Stories #Best Jungle Story #Jungle #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #छोटी नैतिक कहानियाँ #छोटी नैतिक कहानी #छोटी प्रेरक कहानी #best hindi jungle story #best jungle story in hindi #छोटी जंगल कहानी #छोटी छोटी हिंदी प्रेरकछोटी हिंदी प्रेरक कहानी #bachon ki jungle kahani #bachon ki hindi jungle kahani #bachon ki jungle kavita You May Also like Read the Next Article