जंगल की बाल कहानी - मनुष्य और कुत्ता
कुत्ते का एक छोटा-सा पिल्ला अपने माता-पिता के साथ जंगल के पास रहता था। एक दिन उसके माता-पिता खाना ढूंढने के लिए निकले। शाम होने लगी लेकिन वे वापिस नहीं आए। पिल्ले को डर लगने लगा।
कुत्ते का एक छोटा-सा पिल्ला अपने माता-पिता के साथ जंगल के पास रहता था। एक दिन उसके माता-पिता खाना ढूंढने के लिए निकले। शाम होने लगी लेकिन वे वापिस नहीं आए। पिल्ले को डर लगने लगा।
एक समय की बात है, एक घने जंगल में एक ऊंचे पेड़ पर एक गौरैया का घोंसला था। वह घोंसला उसका प्यारा घर था, जिसमें वह और उसके बच्चे रहते थे। सर्दी के दिन थे, और कड़ाके की ठंड से पूरा जंगल ठिठुर रहा था।
बहुत समय पहले तिब्बत के घने जंगल में दो उल्लू एक पुराने पेड़ पर रहते थे। ये दोनों अच्छे दोस्त थे और अक्सर जीवन की गहराइयों पर चर्चा करते थे। एक दिन सुबह का समय था, जब दोनों उल्लू अपने-अपने शिकार के साथ उस पेड़ पर आए।
एक बार की बात है, जंगल के किनारे एक भूखा भेड़िया घूम रहा था। उसका पेट दिनभर कुछ न खाने की वजह से चिल्ला रहा था। तभी उसे दूर एक मरा हुआ बैल दिखाई दिया। उसकी आंखों में चमक आ गई,
एक बार की बात है, एक गांव के चौराहे पर एक दुकान के बाहर एक बड़ा सा चोंच वाला काला कौवा बैठा था। वह हमेशा की तरह अपनी चालाकी दिखाने की ताक में था।
घने जंगल में एक विशाल और ताकतवर शेर रहता था। शेर का नाम था 'सिंह'. सिंह को अपनी ताकत पर बहुत घमंड था और वह हमेशा बाकी जानवरों को डराकर अपनी बादशाहत साबित करता रहता था।
घने जंगल के एक कोने में भालू बलदेव रहता था। बलदेव न सिर्फ अपनी ताकत के लिए बल्कि अपनी बुद्धिमानी के लिए भी जाना जाता था। जंगल के अन्य जानवर हमेशा उसकी सलाह लेने आते थे