/lotpot/media/media_files/KzGxkfI1Xzq9bw53yGMw.jpg)
दो का फायदा या सबका लाभ
Fun Story दो का फायदा या सबका लाभ:- एक शहर में दो चोर रहते थे। छोटी-मोटी चोरी करके अपना गुज़ारा चलाते थे। वे दोनों बचपन के दोस्त थे? साथ साथ रहते थे खेलते कूदते थे। जब बड़े हुए तो उन दोनों का ध्यान चोरी की तरफ गया। दोनों साथ साथ चोरी करने निकलते, किस्मत के अच्छे थे कि हर बार पकड़ने से बच जाते थे। (Fun Stories | Stories)
उस शहर में एक छोटा सा, सुन्दर सा शिव मंदिर था। सुबह से लेकर रात्रि तक वह लोगों से भरा रहता था। वहां हर समय बहुत भीड़ रहती थी। मंदिर की व्यवस्था करने के लिए दो पुजारी थे जो की मंदिर का सारा कार्य देखते थे। उन दोनों चोरों का यह रोज़ का नियम था कि वे जब भी मंदिर के पास से गुज़रते, अन्दर तो नहीं जाते, लेकिन बाहर से हाथ जोड़कर आगे बढ़ जाते थे। यह उनका दैनिक नियम था जिसमें कि वह कतई भी नहीं चूकते थे रोज़ की भाँति आज भी मंदिर में बड़ी चहल पहल थी प्रार्थनाओं व भगवान की जय जय कारों की ध्वनि से मंदिर गूँज रहा था। साथ में घंटे व शंख की भी ध्वनि शामिल थी। (Fun Stories | Stories)
वे दोनों चोर भी उसी समय मंदिर के पास से गुज़र रहे थे। मंदिर के बाहर रुके...
वे दोनों चोर भी उसी समय मंदिर के पास से गुज़र रहे थे। मंदिर के बाहर रुके, सर झुका कर हाथ जोड़कर खड़े हो गए। घंटे की ध्वनि को सुनकर दोनों चोरों का सिर ऊपर उठा, देखते क्या हैं कि मंदिर के बीचों बीच छत पर एक चमचमाता हुआ, पीतल का भारी सा घंटा लटक रहा है। दोनों ने एक दूसरे की ओर कुछ निश्चय भरी निगाहों से देखा। दोनों आगे बढ़ गए। एक दूसरे से बोले, यह नया घंटा देखा, भारी बढ़िया पीतल का है। दाम अच्छा मिलेगा क्या इरादा है? (Fun Stories | Stories)
दूसरा थोड़ा झिझकता है फिर बोला, ‘कहते तो सही हो पर काम बड़े खतरे का है। पकड़े गए तो बहुत बुरा हाल होगा, चोरी ऊपर से मंदिर में।’
वास्तविकता यह थी कि वे चोर तो थे, पर दिल के मजबूत नहीं थे, मन में कहीं न कहीं उनको यह अवश्य लगता था की वे गलत काम कर रहे हैं।
पहला चोर बोला, ‘बात तो ठीक कहते हो, पर सावधानी से काम लेना होगा, रात अँधेरे में निकलेंगे। घंटा मिल जाए तो कीमत अच्छी मिलेगी। (Fun Stories | Stories)
अतः दोनों ने निर्णय कर लिया कि रात बारह बजे के बाद निकलेंगे।
अपने निश्चयानुसार बारह बजे के बाद वे बाहर निकले और धीमे धीमे क़दमों से मंदिर की ओर बढ़ने लगे। (Fun Stories | Stories)
मंदिर के चारों ओर सन्नाटा छाया हुआ था। सुबह से लेकर शाम तक चहल पहल में डूबा मंदिर इस समय शांति की निद्रा में सो रहा था। मंदिर के द्वार बंद नहीं थे, खाली भिड़े हुए थे।
वे दोनों चुपचाप दबे पाँव मंदिर के अन्दर घुसे। दोनों ने चारों तरफ नज़र दौड़ाई, फिर एक दूसरे की ओर देखा। (Fun Stories | Stories)
फिर योजना अनुसार एक चोर झुक कर बैठ गया, दूसरा उसकी पीठ पर खड़ा होकर घंटे तक पहुंचने की कोशिश करने लगा।
अभी उसके हाथ घंटे की तरफ बढ़े ही थे कि आवाज़ आई, ‘अरे अरे, क्या करते हो, मुझे चुराते हो, यह क्या अनर्थ कर रहे हो। यह मंदिर है, और मंदिर में चोरी।’
यह आवाज़ सुनते ही दोनों बहुत घबरा गए, चारों तरफ आँखें फाड़ फाड़ कर देखने लगे। (Fun Stories | Stories)
घंटे से पुनः आवाज़ आई, ‘डरो नहीं, यहां तुम्हें कोई भी नहीं देख रहा है। मुझे चोरी करना चाहते हो, आखिर क्यों? इससे तुम्हारा क्या लाभ है?’
वे दोनों एक साथ बोले, ‘हम तुमको ले जायेंगे और बाज़ार में जाकर बेच देंगे। इससे हमको अच्छे पैसे मिलेंगे।
घंटे से आवाज़ आई, इससे कितने लोगों का फायदा होगा?’ वे दोनों बोले, ‘खाली हम दोनों को, और किसको?’ (Fun Stories | Stories)
घंटे ने पूछा, ‘और हम अगर यहीं रहें तो कितने लोगों को लाभ होगा? जरा बताओ? वे फ़ौरन बोले- सैंकड़ों लोगों को, लोग तुम्हरा इस्तेमाल करके आनंदित होंगे।’
घंटे ने कहा, ‘अच्छा तो अब बताओ कि दो लोगों का लाभ ज्यादा बड़ा है कि सैंकड़ों हजारों का। जरा सोचो, कल सवेरे जब मुझे सब यहाँ नहीं पाएंगे तो क्या होगा? सबके हाथ ऊपर उठेंगे, मुझे छूने को, पर खाली वापस लौट आएँगे। क्या यह ठीक होगा। सबका और ज्यादा से ज्यादा लोगों का भला हो, इससे अच्छी बात क्या हो सकती है।’
सहसा दोनों के हाथ पीछे खिंच गए। कुछ देर तक खड़े खड़े सोचते रहे फिर बोले- तुम बिल्कुल ठीक कहते हो। (Fun Stories | Stories)
यह कहकर उनके पाँव मंदिर से बाहर जाने को मुड़ चुके थे।
और घंटा, इनके ह्रदय परिवर्तन से खुश होकर और चमक गया था। (Fun Stories | Stories)
lotpot-e-comics | hindi-bal-kahania | hindi-bal-kahani | bal kahani | kids-fun-stories | hindi-fun-stories | लोटपोट | lottpott-i-konmiks | hindii-baal-khaanii | baal-khaanii | bccon-kii-mnornjk-khaanii