Fun Story: सिम्मी का नया पालतू पशु सिम्मी की माँ पिछले एक हफ्ते से सिम्मी को लेकर काफी चिंतित थी क्योंकि उनका पालतू पशु टॉमी एक हफ्ते पहले खो गया था और उनकी बेटी सिम्मी उस सदमे से अभी तक उभरी नहीं थी। By Lotpot 23 Oct 2023 in Stories Fun Stories New Update सिम्मी का नया पालतू पशु Fun Story सिम्मी का नया पालतू पशु:- सिम्मी की माँ पिछले एक हफ्ते से सिम्मी को लेकर काफी चिंतित थी क्योंकि उनका पालतू पशु टॉमी एक हफ्ते पहले खो गया था और उनकी बेटी सिम्मी उस सदमे से अभी तक उभरी नहीं थी। सिम्मी टॉमी को बहुत प्यार करती थी। टॉमी सिम्मी के साथ उसके तीसरे जन्मदिन से था और वह उनके परिवार का हिस्सा बन चुका था। टॉमी भी सिम्मी का बहुत ध्यान रखता था। गर्मियों की छुट्टियों में जब भी सिम्मी का परिवार अपने गाँव बरोड़ा जाता था, तो वह टॉमी को अपने पड़ोसी मिस्टर राम के घर छोड़कर जाते थे। टॉमी को मिस्टर राम के साथ रहना अच्छा लगता था क्योंकि मिस्टर राम को भी कुत्तों के साथ बहुत लगाव था। उनके खुद के पास तीन कुत्ते थे और वह एक और कुत्ता लेने के बारे में विचार कर रहे थे। लेकिन इस साल मिस्टर राम को भी कहीं जाना था इसलिए टॉमी को सिम्मी के परिवार वालों ने उनके अंकल शर्मा जी के पास छोड़ा। शर्मा जी को कुत्ते बिल्कुल पसंद नहीं थे, लेकिन फिर भी उन्होंने टॉमी को संभालने की ज़िम्मेदारी ले ली थी। (Fun Stories | Stories) जैसे ही सिम्मी बरोडा से वापिस लौटी वह अपने प्रिय टॉमी को लेने पिता के साथ शर्मा जी के घर पहुँची। जब वह शर्मा अंकल के घर पहुँची, तो वह हैरान हो गई। उन्होंने सिम्मी को बताया कि टॉमी भाग गया है, यह बात सुनकर सिम्मी रोने लग गई। शर्मा जी ने बताया कि एक दिन उनके घर का दरवाज़ा गलती से खुला रह गया और टॉमी भाग गया। सिम्मी सोच में पड़ गई कि उनके खुद के घर का दरवाज़ा हमेशा खुला रहता था, लेकिन टॉमी कभी नहीं भागा। सिम्मी बहुत दुखी मन से घर लौटी। उसके पिता ने उससे वादा किया कि वह उसको नया कुत्ता ला देंगे लेकिन सिम्मी को अपना टॉमी वापिस चाहिए था। अगले दिन, सिम्मी जल्दी उठ गई और गार्डन में टहलने के लिए चली गई। गार्डन में बहुत बड़े बड़े पेड़ और रंग बिरंगे पक्षी थे। अचानक सिम्मी चिल्लाने लगी, ‘मम्मी, मम्मी! इधर आओ।’ सिम्मी की आवाज़ सुनते ही उसकी माँ अंदर से भागती हुई आई। सिम्मी ज़मीन पर पड़ी मैना को देखते हुए बोली, ‘माँ, देखो मुझे क्या मिला?’ मैना के एक पंख पर चोट लगी हुई थी और वह उड़ नहीं पा रही थी। डरी हुई मैना दर्द में चिल्ला रही थी। सिम्मी ने अपनी माँ से पूछा, ‘माँ, यह उड़ क्यों नहीं पा रही है?’ (Fun Stories | Stories) उसकी माँ ने बताया, ‘सिम्मी उसका पंख टूटा हुआ है। मुझे पता नहीं कि यह कभी उड़ सकेगी या नहीं... उसकी माँ ने बताया, ‘सिम्मी उसका पंख टूटा हुआ है। मुझे पता नहीं कि यह कभी उड़ सकेगी या नहीं।’ सिम्मी ने अपनी माँ से कहा, ‘क्या हम इसकी देखभाल कर सकते हैं?’ सिम्मी के उदास चेहरे को देखते हुए उसकी माँ ने मैना को रखने की इजाज़त दे दी। लेकिन हमें इसे पहले जानवरों के अस्पताल लेकर जाना पड़ेगा। अस्पताल ले जाकर डॉक्टर ने मैना के पंखों पर मरहम पट्टी लगाई और उसका दर्द ठीक करने के लिए दवाई दी। डॉक्टर ने कहा कि मैना एक हफ्ते के अंदर ठीक हो जाएगी। घर वापिस आकर सिम्मी ने मैना के लिए एक छोटा सा पिंजरा बनाया, उसने मैना का नाम मिट्ठू रखा। टॉमी के घर से जाने के बाद पहली बार सिम्मी की माँ ने सिम्मी को इतना खुश देखा। (Fun Stories | Stories) सिम्मी ने माँ से पूछा, ‘माँ, मैना क्या खाना खाती है?’ उसकी माँ ने बताया, ‘मैना बाजरा, दाल और छोटे कीड़े खाती है।‘ शुरू शुरू में मैना सिम्मी से बहुत डरती थी और डर के कारण वह ठीक से खाना भी नहीं खाती थी। सिम्मी स्कूल से आने के बाद सारा समय मैना मिट्ठू के साथ खेलती थी। (Fun Stories | Stories) जल्द ही मिट्ठू का डर दूर हो गया और वह सिम्मी के हाथ से बाजरा खाने लगी। यह देखकर सिम्मी खुश हो गई। अब मिट्ठू घर में घूमने भी लग गई और वह सिम्मी के हाथ और कंधों पर छलांग लगाती थी, धीरे धीरे उसका पंख भी ठीक हो गया, सिम्मी मिट्ठू से प्यार करने लगी थी। वह मिट्टू का ध्यान रखती, उसे अपने दोस्तों को दिखाती। अब वह मिट्ठू के साथ इतनी खुश थी कि वह टॉमी को पूरी तरह से भूल गई थी। एक हफ्ते के समय में मिट्ठू बिल्कुल ठीक हो गई। एक दिन मिट्ठू को खाना खिलाते हुए सिम्मी ने अपनी माँ से पूछा, ‘माँ, क्या हम मिट्ठू को अपने साथ रख सकते है?’ सिम्मी की माँ इस प्रश्न की उम्मीद कर रही थी। उसकी माँ ने आराम से जवाब दिया, ‘काश हम मिट्ठू को अपने साथ रख सकते। लेकिन ठीक होने के बाद यह हमारे घर से उड़ कर चली जाएगी।’ सिम्मी ने सोचा और कहा, ‘अगर हम मिट्ठू को पिंजरे के अंदर बंद रखे? फिर यह नहीं उड़ पाएगी।‘ उसकी माँ ने सिम्मी की आँखों में देखते हुए कहा, ‘सिम्मी, तुम्हें कैसे लगेगा अगर हम तुम्हें पूरा दिन पिंजरे के अंदर बंद रखे और तुम्हें घर से बाहर ना जाने दें?’ सिम्मी ने कहा नहीं, मैं पिंजरे के अंदर बंद नहीं रह सकती। इसके बाद सिम्मी ने कभी अपनी माँ से मिट्ठू को रखने के बारे में नहीं कहा। जल्द ही मिट्ठू बिल्कुल ठीक हो गई। सिम्मी थोड़ी उदास हुई लेकिन उसने मैना को गार्डन में खुला छोड़ दिया। सिम्मी पूरा दिन उदास रही। उसे मिट्ठू की बहुत याद आई, उसने रात को ठीक से खाना भी नहीं खाया। उसने सोने की कोशिश की लेकिन सो नहीं सकी। (Fun Stories | Stories) वह अपने पलंग पर करवटें बदलती रही। अचानक उसे एक आवाज़ सुनाई दी। उसकी खिड़की के बाहर कोई चीज़ उड़ रही थी। उसने जैसे ही खिड़की खोली, मैना आवाज़ करती हुई उसके पास आ गई। वह मिट्ठू थी, मिट्ठू अपने आप सिम्मी के पास वापिस आ गई। खुशी के मारे सिम्मी चिल्लाने लगी, ‘मिट्ठू वापिस आ गई।‘ वह अपने कमरे से बाहर भागकर नाचने लगी। सिम्मी की आवाज़ सुनकर उसके माता पिता अपने कमरे से बाहर आए और मिट्ठू को देखकर हैरान हो गए। मिट्ठू भी सिम्मी के साथ बहुत खुश थी। सिम्मी ने अपनी माँ से कहा, ‘अब जब मिट्ठू अपने आप वापिस आई है, तो क्या हम इसे रख सकते है?’ उसके माता पिता ने एक दूसरे की तरफ देखा और हंसते हुए कहा, ‘हाँ, हम मिट्ठू को रख सकते है।‘ इसके बाद सिम्मी की खुशी का ठिकाना नहीं रहा। उसके माता पिता को सिम्मी के चेहरे से खोई हुई हंसी वापिस मिल गई और वह जानते थे कि उनका फैसला ठीक है। (Fun Stories | Stories) Tags : lotpot-bal-kahnia | lotpot-latest-issue | hindi-bal-kahania | best-lotpot-hindi-comics | lotpot-baal-khaanii | baal-khaanii ऐसी कहानियाँ और पढ़ें:- Mazedaar Hindi Kahani: बर्फीली चिड़िया Bal Kahani: बीमार राजा Fun Stories: दोहरी दृष्टि मजेदार कहानी : किस्सा नसीरूद्दीन का #बाल कहानी #Lotpot #Lotpot बाल कहानी #Hindi Bal kahania #Lotpot latest Issue #Best lotpot hindi comics #Lotpot Bal Kahnia You May Also like Read the Next Article