Fun Story: चार दिन का जमींदार सरयू अकबर पुर में रहत था। वह बहुत गरीब था, बस लकड़ी बेचकर ही अपना गुजारा करता था। एक दिन जब वह जंगल में पहुँचा तो वहाँ भयानक आग लगी हुई थी। अभी वह अपने इस एक मात्र धंधे को चौपट होता देख ही रहा था। By Lotpot 19 Feb 2024 in Stories Fun Stories New Update चार दिन का जमींदार Fun Story चार दिन का जमींदार:- सरयू अकबर पुर में रहत था। वह बहुत गरीब था, बस लकड़ी बेचकर ही अपना गुजारा करता था। एक दिन जब वह जंगल में पहुँचा तो वहाँ भयानक आग लगी हुई थी। अभी वह अपने इस एक मात्र धंधे को चौपट होता देख ही रहा था कि उसकी निगाह चौतरफा आग में घिरे एक नाग पर पड़ी वह नाग बुरी तरह छटपटा रहा था। सरयू का दिल पसीज उठा, और उसने अपनी पानी की सुराही को खाली करके उस ओर फेंक दिया। डूबते को तिनके का सहारा। नाग लपक कर सुराही में घुस गया। यह देख सरयू ने एक लंबी छलांग लगाई और उसे आग से बाहर निकाल लाया। (Fun Stories | Stories) उसके इस कृत्य पर नाग बहुत प्रसन्न हुआ, बोला- ‘आज तुमने मुझ पर बहुत बड़ा उपकार किया है, बोलो! क्या चाहते हो?’ बेचारा सरयू क्या कहता? हाथ बाँधे खड़ा रहा। एकबार फिर उसने सजल नेत्रों से जलकर राख होते हुए जंगल की ओर देखा और एक गहरी साँस भरकर रह गया। तब नाग ने उसे अपने पीछे आने का संकेत किया, और चल पड़ा। दिन-रात दुर्गम चट्टानों, घनी झाड़ियों और ऊबड़-खाबड़ रास्तों पर चलते हुए वे एक घाटी में जा पहुँचे वह घाटी बहुमूल्य रत्नों से भरी पड़ी थी। रत्नों की चमक से सरयू की आँखें चौंधिया गई थीं। सारा दृश्य उसे सपने सा लगने लगा। तभी नाग ने कहा कि- ‘जितना चाहिए, ले जाओ। पर एक बात का हमेशा ख्याल रखना-इस धन का उपयोग कभी अपनी जरूरत से ज्यादा मत करना। (Fun Stories | Stories) अब वह अपने गाँव का सबसे मालदार आदमी हो गया था। उसने झोपड़े की जगह पक्का मकान बनवा लिया था। बकरी की जगह गाय-भैंसों और घोड़े आदि जानवर बाँध रखे थे। अब वह ग्राम पंचायत का मुखिया भी हो गया था और अपनी शान में उसने चार-चार लठैत भी पाल रखे थे। लेकिन इतना सब कुछ हो जाने के बाद भी उसकी महत्वाकांक्षायें पूरी नहीं हुई थीं घाटी से प्राप्त रत्नों को वह बार-बार गिनता और दिन-रात यही सोचा करता- इतने बहुमूल्य रत्न तो किसी राजा के खजाने में भी नहीं होंगे.... तब क्यों नहीं उसे भी राजा होना चाहिये? राजा न सही तो जमींदार ही सही’। उन दिनों देवनगर में जमींदार ठाकुर विजय प्रताप सिंह दिवालिया हो चुके थे और सरकार की मालगुजारी भरने के लिये उन्हें एक मोटी रकम की जरूरत थी। एक दिन जब उन्होंने सरयू के रत्नों के बारे में सुना तो उसे बुलावा भेजा। अच्छी खासी आवभगत की, बोले-तुम कुछ दिनों के लिए मुझे कर्ज दे दो।’ (Fun Stories | Stories) ‘कर्ज क्यों?’ सरयू ने रास्ता निकाल लिया। ‘भला आप जमींदार होकर मुझसे कर्ज लें यह शोभा नहीं देता। इससे अच्छा तो आप यह जमींदारी बेचकर ही किसी बड़े शहर में चले जायें तो आराम से रहेंगे। उसके कथन पर ठाकुर साहब के नेत्र आग्नेय हो उठे। यह देख सरयू वहाँ से खिसक गया। पर दूसरे दिन जब उसे फिर बुलवाया गया, तो उसके आश्चर्य की सीमा न रही। इस बार उसकी दुगुनी आवभगत की गई थी। लेकिन जमींदार साहब के इस कपटपूर्ण व्यवहार को तब वह पहचान नहीं सका वे बनावटी खिन्नता के साथ बोले- ‘तुम ठीक कहते हो सरयू। क्या रखा है अब इस सड़ी सी जमींदारी में? लेकिन सोचता हूँ इतना धन किसके पास होगा कि देवनगर की जमींदारी खरीद सके।’ ठाकुर साहब अपनी सफल चाल पर मंद मंद मुस्कारा उठे। और सरयू, उसकी तो जैसे बरसों की मुराद पूरी हो गई थी। उसने अपना सारा धन उनके चरणों में रख दिया। (Fun Stories | Stories) तब देश पर ब्रिटिश हुकुमत थी और सरकार की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं खड़क सकता था... तब देश पर ब्रिटिश हुकुमत थी और सरकार की मर्जी के बिना एक पत्ता भी नहीं खड़क सकता था। जमींदारियों का क्रय-विक्रय तो बहुत बड़ी बात थी लेकिन मूर्ख सरयू यह सब कुछ नहीं जानता था। वह तो बस इतना ही जानता था कि जैसे जानवरों का सौदा होता है, वैसे ही जमीन जायदाद और जमींदारियों का होगा सारी जिन्दगी लकड़हारा ही तो रहा था वह। स्टाॅम्प, रजिस्ट्री और थाना कचहरी से उसका वास्ता ही कहाँ पड़ा था। (Fun Stories | Stories) पर अब तो सरयू जमींदार हो गया था। उसकी शान ही निराली थी। बड़ी सी हवेली जिसके द्वार पर हाथी-घोड़े बंधे हुए थे, कई बाग बगीचे औैर तमाम नौकरों का मालिक जब वह घोड़े पर चढ़कर हाथ में हंटर लेकर किसानों से लगान वसूल करने जाता तो खुद को दुनिया का सबसे बड़ा भाग्यशाली समझता। इधर ठाकुर विजय प्रताप सिंह ने मूर्ख सरयू के धन से सरकार का कर्ज चुका दिया और कलकता में एक बड़ी सी हवेली भी बनवा ली थी। जिसमें प्रतिदिन अंग्रेज अफसरों को दावतें दी जाती थीं। साथ ही उन्होंने यह दावा भी कर रखा था कि उनकी रियासत पर किसी सरयू नाम के आतताई ने कब्जा कर लिया है, जो लगान के नाम पर किसानों को लूट रहा है। इसीलए सरकार से निवेदन है कि मुझे मेरा हक दिलवाया जाये और देवनगर की प्रजा की रक्षा की जाए।’ (Fun Stories | Stories) बस फिर क्या था देवनगर के नये जमींदार सरयू साहब को अदालत में तलब किया गया। अभी अदालत के कटघरे में खड़े जमींदार सरयू साहब थर थर कांप ही रहे थे कि ठाकुर विजय प्रताप सिंह के वकील ने अंग्रेज मेजिस्ट्रेट को बताया- मीलाॅड। यही है वो आदमी, जिसने देवनगर की रियासत पर कब्जा कर रखा है और वहां के पैतृक जमींदार ठाकुर विजय प्रताप सिंह को अपने गुंडों द्वारा डरा धमका कर बाहर निकाल दिया है।’ ‘अंग्रेज मेजिस्ट्रेट ने अपनी मोटी गर्दन घुमाकर पूछा ‘तुमारा नाम?’ (Fun Stories | Stories) ‘सरयू सरकार’. ‘तुम देवनगर का जमींदार कैसे बन गया?’ ‘वह रियासत मैंने खरीदी है हुजूर।’ ‘हूं खरीदा है’। मेजिस्ट्रेट मुस्कुराया, ‘मगर तुमारे पास इतना पैसा कहां से आया?’ (Fun Stories | Stories) ‘सरयू ने नाग वाली घटना ज्यों की त्यों सुना दी। वह सोच रहा था ‘बेदाग बच जायगा’ लेकिन मजिस्ट्रेट ने कड़क आवाज में कहा- ‘तुम साला हमको कहानी सुनाता है।’ नहीं सरकार यह हकीकत है, वह धन मुझे नाग की कृपा से मिला था घाटी से जिससे मैंने यह रियासत खरीदी। इसमें कुछ भी झूठ नहीं है मैं गंगाजलि उठाता हूं। सरयू गिड़गिड़ाता रहा। लोग हंसते रहे और फिर मजिस्ट्रेट ने जो फैसला दिया उसके मुताबिक उसे हमेशा के लिये जेल की काली कोटरी में पहुँचा दिया गया नाग का वह वाक्य इस धन का उपयोग जरूरत से ज्यादा मत करना उसके दिमाग में हथौड़े की भांति बज रहा था। उसे अपने पर गुस्सा आ रहा था क्यों उसने जमींदार बनने का सपना देखा। (Fun Stories | Stories) lotpot | lotpot E-Comics | bal kahani | Bal Kahaniyan | Hindi Bal Kahaniyan | short stories | Short Hindi Stories | hindi short Stories | Kids Stories | Fun Stories | hindi stories | kids hindi fun stories | Kids Fun Stories | Hindi fun stories | लोटपोट | लोटपोट इ-कॉमिक्स | हिंदी कहानियाँ | छोटी हिंदी कहानी | बाल कहानियां | हिंदी बाल कहानी | बाल कहानी | छोटी कहानी | छोटी कहानियाँ | बच्चों की मनोरंजक कहानी यह भी पढ़ें:- Fun Story: घास की गुड़िया Fun Story: वफादारी का पुरस्कार Fun Story: हाथी और दर्जी Fun Story: मेहनती आदमी #बाल कहानी #लोटपोट #Lotpot #Bal kahani #Bal Kahaniyan #Kids Stories #Kids Fun Stories #लोटपोट इ-कॉमिक्स #lotpot E-Comics #बच्चों की मनोरंजक कहानी #हिंदी बाल कहानी #छोटी हिंदी कहानी #hindi stories #Fun Stories #Hindi fun stories #hindi short Stories #Short Hindi Stories #short stories #हिंदी कहानियाँ #छोटी कहानियाँ #छोटी कहानी #kids hindi fun stories #Hindi Bal Kahaniyan #बाल कहानियां You May Also like Read the Next Article