हिंदी प्रेरक कहानी: कौवा पहुंचा नर्सरी स्कूल यह कहानी उस कौवे के बारे में है जो रोज नर्सरी स्कूल जाया करता था। रोज़ इंटरवल के वक्त बच्चे मैदान में कुछ भोजन के टुकड़े गिरा देते थे। कौवा उनको खाने के लिए मैदान में आता था। By Lotpot 24 Jul 2024 in Stories Motivational Stories New Update कौवा पहुंचा नर्सरी स्कूल Listen to this article 0.75x 1x 1.5x 00:00 / 00:00 हिंदी प्रेरक कहानी: कौवा पहुंचा नर्सरी स्कूल:- यह कहानी उस कौवे के बारे में है जो रोज नर्सरी स्कूल जाया करता था। रोज़ इंटरवल के वक्त बच्चे मैदान में कुछ भोजन के टुकड़े गिरा देते थे। कौवा उनको खाने के लिए मैदान में आता था। उस समय उसे मैडम द्वारा सुनाई गई कहानियां सुनने का मौका भी मिल जाता था। एक दिन कौवे को रोटी का एक टुकडा मिला जिसे उठा कर वह पेड़ पर जा बैठा। तभी वहां एक बिल्ली आई, उसने कौवे की चोंच में रोटी का टुकडा देखा, तो उससे वह रोटी का टुकड़ा छीनने का प्लान बनाया। वह कौवे से बोली, “अरे वाह! तुम तो बड़े सुंदर कौवे हो। मैंने सुना है कि तुम बहुत बढ़िया गाना गाते हो। एक गाना मेरे लिये भी गा दो। मुझे बहुत खुशी होगी”। यह सुन कर कौवे ने रोटी का टुकड़ा अपने पंजों के नीचे दबाया और गाना गाने लगा, कांव, कांव... यह सुन कर कौवे ने रोटी का टुकड़ा अपने पंजों के नीचे दबाया और गाना गाने लगा, कांव, कांव...कांव.. बेचारी बिल्ली बड़ी निराश हुई। वहां से जाते जाते उसने कौवे को कहते हुए सुनां, “माफ करना बिल्ली मौसी, तुम्हें निराश कर दिया पर मैंने उस बेवकूफ कौवे की कहानी सुन रखी थी जिसने लोमड़ी के कहने पर गाना गाया और चोंच में पड़ी रोटी खो बैठा”। हमारा कौवा नर्सरी स्कूल में जाकर कहानियां सुन कर होशियार हो गया था। एक गर्मी की दोपहर कौवे को प्यास लगी। वह इधर-उधर पानी की तलाश में भटक रहा था। अचानक उसे एक गहरे बर्तन में कुछ पानी दिखाई दिया। पानी बहुत कम था कौवे के लिए पानी पीना नामुमकिन था क्योंकि उसकी चोंच पानी तक नहीं पहुंच रही थी। वह वहीं पास ही स्थित एक घर के दरवाजे पर गया और अपनी चोंच से दरवाजा खटखटाया। एक छोटे बच्चे ने दरवाजा खोला और यह देखकर हैरान रह गया कि एक कौवा दरवाजा खटखटा रहा था उस बच्चे को नर्सरी स्कूल में सुनी प्यासे कौवे की कहानी याद आ गई। वह भीतर जाकर एक कटोरी में पानी भर लाया और कौवे के सामने रख दी। कौवे ने जी भर के पानी पिया और फिर वहां से उड़ गया। इसलिए मेरे प्यारे पाठकों, स्कूल बंक नहीं करना चाहिए। रोज स्कूल जाना चाहिए क्योंकि स्कूल जाने से तो कौवा भी होशियार हो गया। यह भी पढ़ें:- हिंदी प्रेरक कहानी: कुएं का मेंढ़क हिंदी प्रेरक कहानी: ये खेत मेरा है Motivational Story: किताब का बोझ Motivational Story: बुद्धि का दान #हिंदी प्रेरक कहानी #Kids Hindi Motivational Story #Story of wise Crow in hindi #होशियार कौवे की कहानी You May Also like Read the Next Article