Jungle Story भेड़िया और सात मेमने:- दंदकारन्य नाम के एक जंगल में एक बकरी और उसके सात मेमने रहते थे। सातों मेमने बहुत छोटे थे इसलिए वह खाने की तलाश नहीं कर सकते थे। इसलिए हर रोज़ बकरी खाने की तलाश के लिए जाती थी। वह खाना लाकर अपने मेमनों को खिलाती थी। वह हर रोज़ अपने मेमनों से कहती थी, ‘यहां पास के जंगल में एक गंदा भेड़िया है। जब मैं तुम्हारे पास नहीं होऊंगी तो वह आकर तुम्हें खा जाएगा। इसलिए किसी के लिए भी दरवाज़ा मत खोलना। भेड़िए की आवाज़ खराब है और उसकी पूंछ पर बाल थे। (Jungle Stories | Stories)
एक दिन जब बकरी खाने की तलाश में गई थी, भेड़िये ने मेमनों को ढूंढ लिया। उसने उनका दरवाज़ा खटखटाया। मेमनों ने पूछा, ‘कौन हो तुम?’ भेड़िये ने आवाज़ बदलकर कहा कि मैं तुम्हारी मां हूं।’ मेमनों ने उसकी आवाज़ पहचान ली और वह चिल्लाकर बोले, ‘नहीं तुम भेड़िया हो। तुम्हारी आवाज़ खराब है।’ (Jungle Stories | Stories)
अगले दिन भेड़िये ने बकरी के घर आने से पहले बहुत सारा मक्खन खाया ताकि उसकी आवाज़...
अगले दिन भेड़िये ने बकरी के घर आने से पहले बहुत सारा मक्खन खाया ताकि उसकी आवाज़ मुलायम हो जाए। फिर उसने दरवाज़ा खटखटाया और कहा, ‘दरवाज़ा खोलो, मैं तुम्हारी मां हूं?’ मेमने भेड़िये की पूंछ देखना चाहते थे। भेड़िये ने जब उन्हें अपनी पूँछ दिखाई तो मेमने चिल्लाए, ‘तुम भेड़िया हो, तुम्हारी पूँछ पर बाल हैं।’ (Jungle Stories | Stories)
अगले दिन जाने से पहले भेड़िये ने फिर ढेर सारा मक्खन खाया और अपनी पूंछ पर एक मुलायम कपड़ा बांध लिया। उसने फिर मेमनों का दरवाज़ा खटखटाया और कहा, ‘खोलो दरवाज़ा, मैं तुम्हारी मां हूं।’ मेमने फिर उसकी पूंछ देखना चाहते थे। और जब उन्हें उसकी पूंछ मुलायम दिखी तो उन्होंने दरवाज़ा खोल दिया। लेकिन उनमें से एक मेमना नहा रहा था और वह वहां पर नहीं था। भेड़िए ने छह मेमनों को निगल लिया और पास के पेड़ के नीचे जाकर सो गया। जब बकरी वापिस आई तो उसे एक ही मेमना मिला। उसने उसे पूरी कहानी सुनाई। कहानी सुनकर बकरी अपने मेमने के साथ भेड़िये की तलाश के लिए निकली। उन्हें भेड़िया पेड़ के नीचे सोता हुआ मिला। उन्होंने देखा कि भेड़िए के पेट में कुछ उछल कूद हो रही थी। उन्होंने एक छोटा छेद किया और छह मेमनो को बाहर निकाल लिया। जब वह एक मेमने को बाहर निकालती तो उसकी जगह एक पत्थर भेड़िए के अंदर डाल देती ताकि भेड़िया उठे नहीं। जब सभी मेमने बाहर आ गए तो उन्होंने भेड़िए का पेट सिल दिया।
कुछ समय बाद भेड़िया उठा और पास के तालाब में पानी पीने गया। उसका संतुलन ठीक नहीं था क्योंकि उसका पेट पत्थरों से भरा हुआ था। संतुलन सही ना होने की वजह से वह तालाब में गिर गया और मर गया। इसके बाद बकरी और मेमने जंगल में खुशी खुशी रहने लगे। (Jungle Stories | Stories)
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