Jungle Story: पेड़ की चाहत

सुन्दर वन में एक छोटी सी पहाड़ी पर दस वृक्ष पास पास थे। ये दस पेड़ अलग-अलग किस्म के थे इनमें एक पेड़ पीपल का भी था। पास के गाँव की नारियाँ रोज़ पीपल की पूजा करने आती थीं नीम का वृक्ष यह सब देखता तो जल भुन जाता।

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पेड़ की चाहत

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Jungle Story पेड़ की चाहत:- सुन्दर वन में एक छोटी सी पहाड़ी पर दस वृक्ष पास पास थे। ये दस पेड़ अलग-अलग किस्म के थे इनमें एक पेड़ पीपल का भी था। पास के गाँव की नारियाँ रोज़ पीपल की पूजा करने आती थीं नीम का वृक्ष यह सब देखता तो जल भुन जाता वह सोचता, ‘‘यदि यह पीपल होता तो मैं ही वृक्षों का राजा बन जाता फिर मेरी ही पूजा होती।’’ (Jungle Stories | Stories)

एक दिन नीम का वृक्ष सुबह से ही सोचने लगा कि आखिर पीपल में ऐसी क्या बात है जो पूजा जाता है? बहुत सोचने के बाद इस परिणाम पर पहुँचा कि पीपल के पत्ते चैड़े और चिकने होते हैं जबकि उसके अपने पत्ते कटे-फटे और नुकीले हैं साथ ही अत्यन्त कड़वे भी। नीम ने मन ही मन सोचा, ‘‘काश! मेरे पत्ते भी चैड़े और चिकने होते तो कितना अच्छा होता।’’ (Jungle Stories | Stories)

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वन की परी ने नीम की कामना सुनी उसने उसी समय अपना जादू का डंडा घुमाया...

वन की परी ने नीम की कामना सुनी उसने उसी समय अपना जादू का डंडा घुमाया। नीम ने देखा की उसी क्षण उसके पत्ते चिकने और चैड़े हो गए हैं वह बहुत प्रसन्न हुआ किन्तु नीम की यह प्रसन्नता स्थाई न रह सकी उसी शाम वहाँ बकरियों के झुण्ड के झुण्ड आ गए दो व्यक्तियों ने पत्ते काट-काट कर बकरियों के आगे डाल दिए नीम ठूंठ सा रह गया। (Jungle Stories | Stories)

वह पास ही खड़े चीड़ के वृक्ष से बोला, ‘‘दादा, चौड़े पत्ते अच्छे नही होते कितना अच्छा होता यदि मेरे पत्ते शीशे के होते शीशे के पत्तों को बकरियां कभी नहीं खा सकती।

‘‘वन परी ने फिर जादू का डंडा घुमाया देखते ही देखते नीम के सारे पत्ते शीशे के हो गए अपने शीशे के पत्तों को देखकर हर्ष से झुमने लगा। (Jungle Stories | Stories)

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दूसरे ही दिन तेज़ आंधी आई। आंधी के वेग से शीशे के सभी पत्ते आपस में टकराकर चकना चूर हो गए नीम फिर से ठूंठ रह गया। अब वह बहुत निराश हुआ नीम ने अपने आपको असहाय पाकर गुलमोहर के वृक्ष से कहा, ‘‘काका, शीशे के पत्ते अच्छे नहीं होते मेरे पत्ते सोने के होते तो कितना अच्छा होता सोने के पत्ते तो आँधी में चकनाचूर नहीं हो सकते।

वन की परी ने फिर से अपना डंडा घुमा दिया नीम के सभी पत्ते सोने के हो गए। नीम ने अपने चमचमाते स्वर्ण पत्तों को देखा तो खुशी से इठला उठा, संजोग से उसी सांझ कुछ यात्री उधर आ निकले उन्होंने सोने के पत्ते देखे तो उनका मन ललचा उठा वह सब एक साथ पेड़ पर झपट पड़े फिर लड़ झगड़कर उन्होंने अपनी-अपनी पोटलियां बाँधी और चलते बने। नीम का पेड़ फिर से पत्तों रहित हो गया अब उसकी निराशा का कोई ठिकाना नही था वह पीपल के वृक्ष से बोला, ‘‘मैं तुम्हारे पत्तों को देखकर हमेशा यूँ ही जलता था आज मालूम पड़ा मेरे अपने ही पत्ते अच्छे थे।’’ (Jungle Stories | Stories)

पीपल के वृक्ष ने यह सुना तो मन्द-मन्द मुस्कुराने लगा परी ने भी नीम की बात सुन ली थी उसने फिर से डंडा घुमाया, नीम के अपने पत्ते फिर से निकल आए नीम ने अपने आपको खुब ध्यान से देखा अपने आपको मजबूत और हरा-भरा देखकर वह खुश हो उठा। नीम को उसी समय एक मधुर आवाज सुनाई दी जो वन परी की थी।

‘‘दूसरो से कभी ईष्र्या न करो, जो कुछ तुम्हारा अपना है उसी में सन्तोष करो।’’ (Jungle Stories | Stories)

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